पंजाब के अमृतसर में दूसरे अमेरिकी सैन्य विमान से उतरे निर्वासितों में शामिल महिलाओं और बच्चों को ‘उड़ान के दौरान बेड़ियां नहीं लगायी गयी थीं. सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. महिलाओं और बच्चों सहित 116 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर सी-17 विमान शनिवार देर रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था और निर्वासित लोगों में से पुरुषों ने दावा किया था कि यात्रा के दौरान उन्हें बेड़ियों में जकड़ा गया था.

अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा निर्वासित किया जाने वाला यह भारतीयों का दूसरा जत्था था. सूत्रों ने बताया कि शनिवार को अमृतसर पहुंची उड़ान में ‘महिलाओं और बच्चों को उड़ान के दौरान बेड़ियां नहीं लगायी गयीं थीं.’

ये निर्वासित लोग पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य राज्यों के मूल निवासी हैं.

10 दिन पहले आया था पहला जत्था अमेरिका से ऐसे अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था 5 फरवरी को अमृतसर पहुंचा था. तब 104 लोगों को अमेरिकी सैन्य विमान में हथकड़ी और बेड़ियों से जकड़कर लाया गया था. इस पर सड़कों से लेकर संसद तक हंगामा भी मचा था. भारतीयों के प्रति इस तरह के अमानवीय व्यवहार की निंदा हुई थी. विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की कूटनीति तक पर सवाल खड़े किए थे. विपक्षी दलों का कहना था कि अवैध प्रवासियों का डिपोर्टेशन पहले भी होता आया है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इन्हें सैन्य विमान में अमानवीय परिस्थितियों में भेजा जाए. विपक्षी नेताओं की मांग थी कि मोदी सरकार को इस मामले में अमेरिका से बात करनी चाहिए.

क्या दिखेगा पीएम मोदी के दौरे का असर?डिपोर्टेशन पर संसद में मचे हल्ले के बाद भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से इस मामले में बात की है. पीएम मोदी के यूएस दौरे पर भी इस मुद्दे को उठाया गया है कि अवैध प्रवासी भारतीयों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां नहीं लगनी चाहिए. हालांकि अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि इन लोगों को इस बार रेगुलर फ्लाइट से लाया जा रहा है या पिछली बार की ही तरह सैन्य विमान से छोड़ा जाएगा.