US immigration Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थर्ड-वर्ल्ड देशों से आने वाले प्रवास को निलंबित करने की योजना का ऐलान किया है. यह घोषणा ऐसे समय में की गई जब अफगानिस्तान के एक नागरिक पर आरोप है कि उसने वॉशिंगटन में दो नेशनल गार्ड सैनिकों पर गोली चला दी.

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ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा कि भले ही अमेरिका तकनीकी रूप से प्रगति कर चुका है, वर्तमान आप्रवासन नीति ने इन प्रगतियों को कमजोर कर दिया है. उन्होंने कहा कि सभी थर्ड-वर्ल्ड देशों से आने वाले प्रवास को रोका जाना चाहिए ताकि अमेरिकी प्रणाली पूरी तरह से पुनर्प्राप्त हो सके.

 ट्रंप ने कही ये बात

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डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे मिलियन्स ऑफ बिडेन इलिगल एडमिशन को पलटना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी ऐसे व्यक्ति को हटाना चाहते हैं जिसे वे अमेरिका के लिए नेट एसेट न मानते हों या देश से प्यार करने में असमर्थ मानते हों. ट्रंप ने यह भी कहा कि कोई भी विदेशी नागरिक जिसे पब्लिक चार्ज, सुरक्षा जोखिम या वेस्टर्न सिविलाइजेशन के अनुकूल न माना जाए, उसे देश से निष्कासित किया जाना चाहिए.

थर्ड-वर्ल्ड शब्द का इतिहास

“फर्स्ट, सेकंड और थर्ड वर्ल्ड” की अवधारणा शीत युद्ध के समय से आती है, जब दुनिया को अमेरिका समर्थित पश्चिमी ब्लॉक और कम्युनिस्ट पूर्वी ब्लॉक में विभाजित किया गया था, जबकि तटस्थ देश और बाकी को थर्ड वर्ल्ड के रूप में वर्गीकृत किया गया. आमतौर पर इस शब्द का उपयोग गरीब या “अविकसित” देशों के लिए किया जाता है, लेकिन इसे अब व्यापक रूप से पुराना और अप्रचलित माना जाता है.

ट्रंप की प्रवासियों पर कार्रवाई जारी

ट्रंप प्रशासन ने 28 नवंबर को कहा कि वे अफगानिस्तान और 18 अन्य देशों के हर स्थायी निवासी या ग्रीन कार्ड धारक की आप्रवासन स्थिति की समीक्षा करेंगे. यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के निदेशक जोसेफ एडलो ने X पर लिखा, 'POTUS के निर्देश पर, मैंने हर देश के हर ग्रीन कार्ड धारक की पूरी, व्यापक और कठोर जांच का आदेश दिया है.'

जब यह पूछा गया कि एडलो किन देशों का जिक्र कर रहे हैं, तो USCIS के प्रवक्ता ने AFP को बताया कि यह सूची जून 2025 में ट्रंप के कार्यकारी आदेश के अनुसार तैयार की गई थी, जिसमें 19 देशों को 'ओफ़ आइडेंटिफ़ाइड कंसर्न' के रूप में वर्गीकृत किया गया है.