Terrorism in PoK: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पहली बार आतंकवाद और पाकिस्तानी नीतियों के खिलाफ सार्वजनिक विरोध सामने आया है. कई गैर-राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भारत के खिलाफ चल रहे प्रॉक्सी वॉर का खुला विरोध किया.

दरअसल, अवामी एक्शन कमेटी और आम जनता ने खुलकर पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ आवाज उठाई है. इस बदलाव की शुरुआत तब हुई जब कमेटी के नेता अजमल राशिद ने एक सभा में कहा, "हम घास की रोटी खाने को मजबूर हैं, और ये सरकार हमें सिर्फ परमाणु बम का सपना दिखाती है." उनका यह बयान न केवल पाकिस्तान की विफल नीतियों की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब लोग सच्चाई को पहचानने लगे हैं.

पीओके नेताओं की चिंताकमेटी नेता अजमल राशिद ने कहा कि सरकार ने जनता को भूखा रखकर परमाणु बम तैयार किया. उनका यह भी कहना है कि पाकिस्तान का कश्मीर में चलाया गया जिहाद अब असफल हो चुका है. पीओके के स्थानीय नेता अब युवाओं को आतंकवाद की राह पर ना भेजने की अपील कर रहे हैं.

सेना और अधिकारियों पर गंभीर आरोपआरोप है कि पाक सेना खुद ऐश करती है और गरीब बच्चों को LOC पर भेजकर उनकी जान जोखिम में डालती है. लोग सवाल कर रहे हैं कि पाकिस्तानी अधिकारी और मौलाना अपने बच्चों को विदेश भेजते हैं, लेकिन आम लोगों के बच्चों को जिहाद में मरने के लिए मजबूर करते हैं. वहीं, जब भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई, तब पाक सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया,इस पर भी लोगों ने नाराजगी जताई.

जैश और लश्कर की नई साजिशेंजैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों ने अब हमास के साथ मिलकर कश्मीर में गतिविधियां बढ़ाने की कोशिश शुरू की है. हाल ही में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर का वीडियो आया है जिसमें हमास के नेताओं का स्वागत किया गया है. साथ ही फरवरी के महीने में हमास के नेताओं को पीओके की रैलियों में आमंत्रित किया गया था. जिससे साफ है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन अपने दम पर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और जिहाद फैलाने में नाकाम हो चुके हैं. ऐसे में इजरायल से छद्म युद्ध लड़ रहे आतंकी संगठन हमास की मदद लेने की तैयारी कर रहे हैं.

भारतीय सेना की चौकसीपाकिस्तानी सेना प्रमुख के बयान के बाद आतंकी संगठन फिर सक्रिय हुए हैं, लेकिन भारतीय सेना LOC पर पूरी तरह सतर्क है और किसी भी कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. हाल ही में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर से लेकर अमृतसर तक सीमा क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की.

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