मार्स पर मानव बस्तियां बसाने का सपना जो एलन मस्क ने देखा है, उसे पूरा करने में अब रूस भी मदद करने को तैयार है. रूस के राष्ट्रपति पुतिन के विशेष दूत किरिल दिमित्रिव ने हाल ही में कहा है कि रूस स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क को मंगल मिशन के लिए एक न्यूक्लियर पावर प्लांट प्रदान कर सकता है. ये बयान उस समय आया है जब मस्क अपने स्टारशिप रॉकेट को अगले साल के अंत तक मंगल की ओर भेजने का प्लान बना रहे हैं.
दिमित्रिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि रूस के पास वो तकनीक है जो मस्क के मार्स मिशन के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है. रूस की न्यूक्लियर तकनीक के बारे में उन्होंने बताया कि ये तकनीक मंगल पर एक विश्वसनीय और मजबूत ऊर्जा स्रोत प्रदान करने में मदद कर सकती है.
मस्क को बताया महान दूरदृष्टिवान
इस ऑफर को लेकर दिमित्रिव ने मस्क को एक "महान दूरदृष्टिवान" भी बताया और ये भी कहा कि रूस इस पर मस्क से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात करने के लिए तैयार है. यह प्रस्ताव रूस और मस्क के बीच पहले से चल रहे संभावित सहयोग का हिस्सा है और मस्क के लिए यह एक दिलचस्प अवसर हो सकता है, क्योंकि उन्होंने पहले ही कहा था कि मंगल पर एक स्थायी बस्ती बसाने का उनका सपना है, जो 20 सालों के भीतर साकार हो सकता है.
इस समय जब रूस और अमेरिका के रिश्ते यूक्रेन युद्ध के कारण तनावपूर्ण हैं, रूस के लिए यह एक शानदार मौका हो सकता है कि वह अपनी तकनीकी क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई दिशा में इस्तेमाल करें. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश की है और ऐसे में रूस का यह कदम निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय मंच पर ध्यान आकर्षित करेगा.
रूस ने 2022 में की थी घोषणा
इससे पहले, रूस ने 2022 में घोषणा की थी कि वह अपना खुद का मार्स मिशन विकसित करेगा, और यह न्यूक्लियर पावर प्लांट की पेशकश उस मिशन के हिस्से के रूप में देखी जा रही है. एलन मस्क के लिए ये ऑफर बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि उनका सपना है कि 2030 के दशक तक इंसान मंगल पर कदम रखे और एक आत्मनिर्भर बस्ती बनाये। अगर रूस की न्यूक्लियर तकनीक इस मिशन का हिस्सा बनती है, तो यह मस्क के लिए एक और कदम होगा उनकी मंगल यात्रा को सफल बनाने की दिशा में.
आखिरकार, मस्क के लिए यह महज एक स्पेस मिशन नहीं, बल्कि भविष्य की मानवता के लिए एक नया घर बसाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है.