भारत-PAK संघर्ष के बाद से ही अमेरिका संग पाकिस्तान के रिश्ते मजबूत होते दिख रहे हैं. कई मौकों पर शहबाज शरीफ डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ कर चुके हैं. मुनीर संग ट्रंप का डिनर हो चुका है और रेयर अर्थ वाली डील भी हुई है. इन सबका अब पाकिस्तान को इनाम मिलने जा रहा है, क्योंकि अमेरिका जल्द ही AIM-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) पाकिस्तान को देने वाला है. 

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अमेरिका के युद्ध विभाग की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अमेरिका के इस हथियार सौदे में पाकिस्तान का नाम विदेशी सैन्य बिक्री प्राप्तकर्ताओं की सूची में शामिल है. 

AMRAAM मिसाइल की ताकतAIM-120 AMRAAM एक एयर-टू-एयर मिसाइल है, जो दुश्मन के विमान को लंबी दूरी से निशाना बनाने में सक्षम है. यह मिसाइल F-16 फाल्कन फाइटर जेट्स पर लगाई जाती है. पाकिस्तान की वायुसेना ने 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत के साथ हवाई झड़पों के दौरान इसका इस्तेमाल किया था. अभी पाकिस्तानी एयरफोर्स के पास इसका C5 वर्जन है, जबकि नया सौदा C8 और D3 वर्जन के उत्पादन के लिए है, जो अधिक रेंज और सटीकता वाले हैं.

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AIM-120D-3 मिसाइलें AMRAAM फैमिली का लेटेस्ट और हाई टेक संस्करण है. इन मिसाइलों को दुश्मन के फाइटर जेट और आने वाली मिसाइलों के खिलाफ दृश्य-सीमा से हटकर (बीवीआर) हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है.

पाकिस्तान लंबे समय से AMRAAM खरीदने की कोशिश में था रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह मिसाइल पाकिस्तान के मौजूदा F-16 बेड़े की ऑपरेशनल सीमा और सटीकता को और बढ़ाएगी. इससे पाकिस्तान एयरफोर्स (पीएएफ) हवाई खतरों का बेहतर ढंग से जवाब देने में सक्षम होगी.  पाकिस्तान लंबे समय से पुराने AIM-120C-5 वेरिएंट की जगह नई पीढ़ी के AMRAAM खरीदने की कोशिश में लगा था. 

पुराने AIM की डिलीवरी पाकिस्तान को 2010 में F-16 ब्लॉक 52 विमानों के साथ मिली थी. भारत के अपने हवाई बेड़े के आधुनिकीकरण करने और ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में इन नई मिसाइलों के लिए बेचैनी बढ़ गई थी.

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