अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार (25 जुलाई, 2025) को पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से वाशिंगटन में मुलाकात की. यह बैठक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के मकसद से हुई. बैठक के बाद जारी बयान में रुबियो ने बताया कि उन्होंने इशाक डार का आतंकवाद के खिलाफ साझेदारी और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार को बढ़ाने और खनिज क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा की.

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आतंकवादी संगठन TRF पर अमेरिका की कड़ी कार्रवाई

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और वैश्विक आतंकवादी संगठन (SDGT) घोषित करने का फैसला किया है. TRF, पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है. गौरतलब है कि TRF ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी.

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भारत-पाक रिश्ते भी एजेंडे में शामिल

पाकिस्तान की ओर से पहले ही स्पष्ट किया गया था कि इशाक डार की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी चर्चा होगी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को कहा था, "भारत-पाक मसले पर भी विचारों का आदान-प्रदान होगा."

अमेरिका लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) में मध्यस्थता का श्रेय लेता आया है, जिसे भारत ने कई बार खारिज किया है, लेकिन पाकिस्तान ने मान्यता दी है. शफकत अली खान ने कहा, "हम अमेरिका की उस भूमिका के लिए आभारी हैं, जिससे तनाव कम हुआ और संघर्ष विराम संभव हुआ."

पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप

भारत लगातार पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान सरकार और सेना सीमा पार आतंकवाद में शामिल हैं और आतंकी संगठनों को वित्तीय सहायता और सुरक्षित पनाहगाहें मुहैया कराते हैं.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर जवाबी कार्रवाई की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा था, "भारत पर्यटन में विश्वास करता है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद को पर्यटन मानता है, जो दुनिया के लिए बेहद खतरनाक है."

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार और सेना के लिए आतंकवाद पैसे कमाने का जरिया बन चुका है और पाकिस्तानी जनता से अपील की कि वे आतंक के खिलाफ आवाज उठाएं.

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