H 1B Visa: 1 अक्टूबर से शुरू हुए अमेरिकी सरकारी शटडाउन (Government Shutdown) ने H 1B वीजा प्रक्रिया को पूरी तरह ठप कर दिया है. इसका सबसे बड़ा असर उन भारतीय पेशेवरों पर पड़ा है, जो H 1B  वीजा लाभार्थी हैं. आंकड़ों के अनुसार, H 1B वीजा धारकों में 71% से अधिक भारतीय पेशेवर हैं.

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अमेरिकी श्रम विभाग (U.S. Department of Labor) किसी भी H 1B वीजा आवेदन को मंजूरी देने से पहले जरूरी LCA (Labor Condition Application) जारी करता है. लेकिन शटडाउन के कारण विभाग का कामकाज बंद हो गया है. 

नहीं जारी हो सकता है नया वीजा

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आव्रजन वकीलों के मुताबिक, अगर कर्मचारियों ने शटडाउन से पहले LCA की मंजूरी नहीं ली है तो कोई नया H 1B वीजा नहीं दिया जा सकता. इसके अलावा वीजा की स्थिति में बदलाव भी संभव नहीं होगा. सिलिकॉन वैली की आव्रजन वकील सोफी अल्कोर्न ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर नए आवेदन करने वालों पर पड़ेगा. वहीं, पहले से चल रहे मामलों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाएं (USCIS) अपनी फीस के आधार पर काम करती हैं और कांग्रेस के बजट पर निर्भर नहीं हैं.

 कर्मचारियों और उनके परिवारों की बढ़ी चिंता

शटडाउन के कारण हजारों तकनीकी कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्थिति प्रभावित हो गई है. कई कर्मचारियों की कानूनी स्थिति सीधे सरकारी मंज़ूरी पर निर्भर करती है. स्टार्टअप कंपनियों को अपने कर्मचारियों को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. इसमें वे संस्थापक भी शामिल हैं जो खुद वीजा पर हैं. उच्च कुशल कर्मचारियों की भर्ती और वीजा नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह रुक गई है. O 1 वीजा वाले लोग, जिन्हें विज्ञान, कला या व्यवसाय में खास क्षमता रखने वालों को दिया जाता है, उन्हें भी इसी तरह की अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि शटडाउन की वजह से आव्रजन प्रक्रिया धीमी और प्रभावित हो गई है.

H 1B  वीजा के शुल्क में हुई वृद्धि 

सरकारी शटडाउन की कोई तय तारीख नहीं है. राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में नए H 1B वीजा आवेदकों के लिए वीजा शुल्क में 1,00,000 डॉलर तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है. इसके साथ ही उच्च वेतन वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता देने के लिए लॉटरी प्रणाली में बदलाव की योजना भी बनाई गई है. यह शटडाउन 1 अक्टूबर को स्थानीय समयानुसार रात 12:01 बजे शुरू हुआ और इसकी कोई समाप्ति तारीख तय नहीं है. पिछला लंबा शटडाउन ट्रंप के कार्यकाल में 35 दिनों तक चला था, जो पिछले चार दशकों में सबसे लंबा था. जब तक कांग्रेस फंडिंग पर सहमति नहीं बनाती, अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों को अनिश्चित समय तक इंतजार करना पड़ेगा.