Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर पूरी तरह से तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अमेरिका (US) ने 30 अगस्त को अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लिया है. अफगानिस्तान में अमेरिका के सैन्य मिशन के अंत के बाद अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने जानकारी दी है कि अफगानिस्तान से लगभर 6 हजार अमेरिकी और एक लाख 24 हजार से ज्यादा आम नागरिकों को निकाला गया है.


रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने जानकारी देते हुए बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते खतरे के बीच अमेरिका ने लगभग 6,000 अमेरिकी नागरिकों और कुल 124,000 से अधिक नागरिकों को निकाला. उन्होंने कहा कि सावधानीपूर्वक जांच और सुरक्षा जांच के बाद कुछ बहादुर अफगान अमेरिका में अपने परिवारों के साथ नया जीवन बिताने के लिए आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे सैन्य समुदायों ने उनका स्वागत किया है, उस पर उन्हें गर्व है.






बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने युद्ध के करीब 20 साल बाद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का जोरदार बचाव करते हुए इसे अमेरिका के लिए सबसे अच्छा और सही फैसला बताया. बाइडन ने मंगलवार को व्हाइट हाउस से देश को दिए संबोधन में कहा कि ऐसा युद्ध लड़ने की कोई वजह नहीं है जो अमेरिकी लोगों के ‘‘अहम राष्ट्रीय हितों’’ में न हो. उन्होंने कहा, ‘‘पूरे दिल से मैं यह मानता हूं कि यह अमेरिका के लिए सही, विवेकपूर्ण और सबसे अच्छा फैसला है.’’ बाइडन ने देश के नाम संबोधन तब दिया है जब 11 सितंबर 2001 आतंकवादी हमलों की 20वीं बरसी में महज 11 दिन बचे हैं. इन आतंकवादी हमलों के कारण ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में प्रवेश किया था.


काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अमेरिकी सैनिकों को लेकर आने वाले आखिरी सी-17 मालवाहक विमान ने मंगलवार को तड़के उड़ान भरी जिसके बाद अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य अभियान खत्म हो गया. अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद तालिबान को अफगानिस्तान से खदेड़ दिया था लेकिन अब तालिबान का देश पर राज है.


बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में असली विकल्प लड़ाई ‘‘छोड़ने और उसे बढ़ाने के बीच’’ था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस युद्ध को हमेशा के लिए बढ़ाना नहीं चाहता था. हमने एक दशक पहले अफगानिस्तान में जो लक्ष्य तय किया था हम उसमें कामयाब हुए. हम एक और दशक रहे. अब इस युद्ध को खत्म करने का वक्त आ गया था. अफगानिस्तान के बारे में यह फैसला महज उस देश को लेकर नहीं है. यह दूसरे देशों के निर्माण के लिए, प्रमुख सैन्य अभियानों के एक युग की समाप्ति है.’


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