अमेरिका की तरफ से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया. इस एक्शन के बाद उसने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया. 

टीआरएफ को वॉशिंगटन द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के कई हफ़्ते पहले इस संगठन ने पहलगाम नरसंहार की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. अमेरिकी अधिकारियों ने इसे 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकवादी हमला बताया, जिसकी साजिश भी लश्कर के गुर्गों ने रची थी.

हालांकि इस्लामाबाद ने पहलगाम हमले और लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी संबंध को खारिज कर दिया और दावा किया कि वह पाकिस्तान में प्रतिबंधित एक निष्क्रिय संगठन है. एक बयान में कहा, "पाकिस्तान ने संबंधित संगठनों को प्रभावी और व्यापक रूप से ध्वस्त कर दिया है, उनके नेतृत्व को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया है."

पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीरी रागइस बयान में पहलगाम हत्याकांड में लश्कर की भूमिका के भारत के साक्ष्य-आधारित दावे को भी खारिज कर दिया गया और इसे पाकिस्तान को बदनाम करने का प्रयास बताया गया. पाकिस्तान ने कहा, 'भारत का पाकिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार को बढ़ावा देने का ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय ध्यान को अपने गैर-जिम्मेदार व्यवहार से हटाना है, जिसमें विशेष रूप से जम्मू कश्मीर में चल रहे मानवाधिकार अत्याचार शामिल हैं.

खुद को बताया आतंकवाद से पीड़ित 

पाकिस्तान ने यह भी मांग की है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उद्देश्यपूर्ण और भेदभाव रहित नीतियां अपनाए. इस्लामाबाद ने बलूचिस्तान में सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने वाले बलूच आतंकवादियों से लगातार परेशान होकर बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की मजीद ब्रिगेड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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