H-1B वीजा फीस पर बढ़ी ट्रंप की टेंशन! भड़के US चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दर्ज कराया केस
H-1B Visa Program: अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दाखिल करते हुए कहा कि वीजा शुल्कों में की गई बढ़ोत्तरी गैरकानूनी, गुमराह करने वाली और देश के व्यवसायों के लिए हानिकारक है.

अमेरिका के H-1B वीजा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परेशानी बढ़ने वाली है. यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने एच-1बी वीजा पर ट्रंप प्रशासन की ओर से 1 लाख डॉलर का भारी शुल्क लगाने के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया है. अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इसे लेकर कहा है कि वीजा के लिए शुल्कों में की गई भारी बढ़ोत्तरी गैर-कानूनी, गुमराह करने वाली और देश के व्यवसायों के लिए बेहद हानिकारक है.
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने गुरुवार (16 अक्टूबर, 2025) को कोलंबिया के जिला अदालत में एक संघीय मुकदमा दाखिल किया है. अमेरिका के चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में माइक्रोसॉफ्ट, वॉलमार्ट, एक्सॉ मोबिल, अमेजन और फाइजर जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियां सदस्य के रूप में शामिल हैं. जिसने एच-1बी वीजा को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर कहा कि ट्रंप प्रशासन ने वीजा शुल्कों में बढ़ोत्तरी की घोषणा कर अपने वैधानिक अधिकारों का अतिक्रमण किया है. इसके साथ ही चैंबर ने नीति के प्रवर्तन को रोकने के लिए तत्काल निषेधाज्ञा जारी करने की मांग भी उठाई है.
ट्रंप के आदेश को निशाना बना रहा यह मुकदमा
अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से कोलंबिया जिला अदालत में दाखिल किया गया मुकदमा सीधे तौर पर पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच-1बी वीजा को लेकर दिए गए आदेश को निशाना बना रहा है. ट्रंप के आदेश का शीर्षक था, ‘रिस्ट्रिक्शन ऑन एंट्री ऑफ सर्टेन नॉन-माइग्रेंट वर्कर्स’, जो एच-1बी वीजा प्रोग्राम को अमेरिका में मौलिक रूप से एक नया रूप देता है.
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद नए नियमों के मुताबिक, अब एच-1बी वीजा के लिए नए आवेदनों के साथ 1,00,000 डॉलर का शुल्क भुगतान करना होगा. यह नियम मुख्य रूप से अमेरिका से बाहर देशों के नागरिकों के लिए बनाए गए हैं, जिसके लिए करीब 70 फीसदी लोग भारत से आते हैं.
चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुकदमें में दिया तर्क
अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुकदमा दाखिल करते वक्त कोर्ट में यह तर्क दिया कि अमेरिकी प्रशासन की ओर से लगाया गया नया शुल्क एच-1बी वीजा को नियंत्रित करने वाले इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) का उल्लंघन करता है. इसके अलावा, यह शुल्क बढ़ोत्तरी अमेरिकी संसद के उस फैसले का भी उल्लंघन करता है, जिसके मुताबिक इस वीजा प्रोग्राम के तहत हर साल 85,000 लोगों को अपनी प्रतिभा के अनुसार अमेरिका के विकास में योगदान देने चाहिए.
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Source: IOCL
























