US-China Spy Balloon Row: विश्व की दो महाशक्तियां अमेरिका और चीन में आए दिन खींचातानी मची रहती है. हाल ही में अमेरिका ने चीन के एक जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. उसके बाद से दोनों देशों के बीच गर्मागर्मी का माहौल है. ताजा खबर ये है कि इस मुद्दे को लेकर दोनों देश एक बार फिर आमने-सामने हैं. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार (19 फरवरी) को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की थी और मामले पर आपत्ति जताई थी. अब चीन ने इसका जवाब दिया है.
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात में ये तो साफ हो गया था कि अमेरिका अपनी सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करने वाला. इसको लेकर उसने एक तीखी टिप्पणी भी की थी और कहा कि जासूसी गुब्बारे वाली हरकत दोबारा नहीं होनी चाहिए. विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “अभी-अभी पीआरसी के शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात की. मैंने पीआरसी निगरानी बलून की घुसपैठ की निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि ऐसा फिर कभी नहीं होना चाहिए. मैंने रूस को भौतिक सहायता प्रदान करने के खिलाफ चीन को चेतावनी दी. मैंने संचार की खुली लाइनें रखने के महत्व पर भी जोर दिया.”
जानिए चीन का जवाब
अब इसको लेकर चीन ने भी जवाब दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक जारी बयान में कहा है कि अगर अमेरिका ने जासूसी गुब्बारे वाले मुद्दे को ज्यादा बढ़ाया तो उसे हर तरह के परिणाम भुगतने होंगे. अमेरिका लगातार इस मुद्दे को उठाने की कोशिश में लगा हुआ है. बता दें कि चीन की तरफ से अमेरिका के लिए ये बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे से मुलाकात की.
जासूसी गुब्बारा कब हुआ फुस्स?
दरअसल, 4 फरवरी को, संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने दक्षिण कैरोलिना के तट पर संदिग्ध चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. इसके बाद से पहले से तनाव में वॉशिंगटन और बीजिंग के संबंध अब और तनावपूर्ण हो गए हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जासूसी गुब्बारे ने 28 जनवरी को अलास्का में संयुक्त राज्य अमेरिका के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया था. इसने 31 जनवरी को फिर से अमेरिकी हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया और मोंटाना राज्य में देखा गया, जहां कई संवेदनशील परमाणु मिसाइल स्थल स्थित हैं.