UN में पाकिस्तान की फिर किरकिरी, बलूच आर्मी पर बैन लगाने की मांग की कोशिश नाकाम
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पाकिस्तान-चीन का संयुक्त प्रस्ताव खारिज कर दिया, जिसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और मजीद ब्रिगेड को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी लिस्ट में डालने की मांग थी.

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका लगा है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड पर प्रतिबंध लगाने के उनके संयुक्त प्रस्ताव को रोक दिया. यह कदम उस समय उठाया गया है जब हाल ही में अमेरिका ने दोनों संगठनों को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था.
क्यों किया गया विरोध?
यूएन के 1267 प्रतिबंध तंत्र के तहत पेश किए गए इस प्रस्ताव को अमेरिका और उसके सहयोगियों ने यह कहते हुए खारिज किया कि पर्याप्त सबूत नहीं हैं जो BLA और मजीद ब्रिगेड को अल-कायदा या आईएसआईएल से सीधे तौर पर जोड़ते हों.
संयुक्त राष्ट्र का 1267 प्रतिबंध तंत्र (1999 का प्रस्ताव) उन व्यक्तियों और संगठनों पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियारों पर रोक जैसी पाबंदियां लगाता है जिनका संबंध अल-कायदा, तालिबान और आईएसआईएल से हो.
पाकिस्तान-चीन की दलील
पाकिस्तान और चीन ने मिलकर सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति में प्रस्ताव रखा था. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने दावा किया कि आईएसआईएल-के, अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP), BLA और उसकी मजीद ब्रिगेड जैसे आतंकी संगठन अफगानिस्तान से संचालित हो रहे हैं और वहीं से पाकिस्तान में सीमा पार हमले कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है और इसके लिए अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को अपने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दायित्व पूरे करने चाहिए.
अमेरिका की कड़ी नजर
गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिका ने BLA और उसकी आत्मघाती इकाई मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था.
इससे पहले 2019 में भी अमेरिका ने BLA को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी संगठन (SDGT) की सूची में शामिल किया था. तब से अब तक यह संगठन कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है, जिनमें आत्मघाती हमले और मजीद ब्रिगेड द्वारा किए गए बड़े हमले शामिल हैं.
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Source: IOCL
























