New York Declaration: संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया. महासभा ने "न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन" को मंजूरी दी, जिसमें इजरायल फिलिस्तीन विवाद के समाधान के लिए दो राष्ट्र सिद्धांत को आगे बढ़ाने की बात कही गई है. खास बात यह है कि इस प्रस्ताव में गाज़ा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले हमास को पूरी तरह अलग रखा गया है.

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इस प्रस्ताव के पक्ष में 142 देशों ने मतदान किया, जबकि 10 देशों ने विरोध किया और 12 देश मतदान से दूर रहे. अमेरिका और इजरायल विरोध करने वालों में शामिल थे.

हमास की गई निंदा 

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"न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन ऑन द पीसफुल सेटलमेंट ऑफ द क्वेश्चन ऑफ पैलेस्टाइन एंड द इम्प्लीमेंटेशन ऑफ द टू स्टेट सॉल्यूशन" नामक यह प्रस्ताव जुलाई में 17 सदस्य देशों द्वारा सह हस्ताक्षरित किया गया था. इस घोषणा का उद्देश्य मध्य पूर्व में शांति, सुरक्षा और स्थिरता स्थापित करना है, जो अक्टूबर 2023 में इजरायल हमास युद्ध छिड़ने के बाद से लगातार संघर्ष झेल रहा है. प्रस्ताव में हमास की निंदा की गई है और उससे हथियार डालने की मांग की गई है.

विदेश मंत्री गिदोन सार ने अपने बयान में कही थी ये बात

विदेश मंत्री गिदोन सार ने क्रोएशिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इजरायल ने गाजा में बंधकों की रिहाई और युद्धविराम समझौते के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नवीनतम प्रस्ताव को "हां" कह दिया है.सार ने कहा, "गाजा में जंग कल खत्म हो सकती है. हम कैबिनेट के फैसले के आधार पर युद्ध समाप्ति को लेकर समझौते को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए इजरायल सरकार की दो शर्तें हैं—पहला, सभी इजरायली बंधकों की रिहाई और दूसरा हमास अपने हथियार डाल दे. हमास को "फिलिस्तीनियों और इस क्षेत्र के लिए एक समस्या" बताते हुए कहा कि हमास का निरस्त्रीकरण "गाजावासियों और वहां के फिलिस्तीनियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने "न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन" को मंजूरी दी, जिसमें इजरायल-फिलिस्तीन विवाद का समाधान दो-राष्ट्र सिद्धांत से करने की बात कही गई है.