आजकल दुनिया में युद्ध की परिपाटी बदल गई है. अब ड्रोन युद्ध के मैदान में एक जरूरी हथियार के तौर पर उभरे हैं. युक्रेन और रूस के युद्ध में इनका इस्तेमाल अच्छा खासा देखा गया है. यूक्रेन को थल सैनिकों की कमी के बाद भी ड्रोन की मदद से काफी जमीनें बचाने में मदद मिली है. यूक्रेन की सेना की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया है. इस वीडियो में बताया गया है कि 2025 की युद्ध तकनीक सदियों पुरानी रणनीति से टकरा रही हैं. 

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सोशल मीडिया पर शेयर किया वीडियो

एक पोस्ट में दिखाया गया है कि कैसे रूसी सैनिक घोड़ों पर चलते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं यूक्रेन ड्रोन अपने टारगेट पर निशाना लगाने की घात में बैठा है. इस वीडियो में दिखाया गया है कि रूसी सैनिक मैदान में घोड़े पर सवार है, और ड्रोन उस पर नजर रखे हुए है. वह भागने की कोशिश करता है, तभी ड्रोन उसपर हमला करता है. धमाके की वजह से घोड़ा गिर जाता है. थोड़ी देर बाद घोड़ा उठकर भाग जाता है, और सैनिक वहीं छूट जाता है. 

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यह वीडियो किस तारीख को जारी किया गया है, इसकी जानकारी नहीं है. इस वीडियो को यूक्रेन की 92वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड की 5वीं बटालियन ने शेयर किया है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टी नहीं हुई है. 

यूक्रेन ड्रोन पर निर्भर हैइस फुटेज में नजर आ रहा है कि कैसे यूक्रेन ड्रोन पर निर्भर है. उसने युद्ध के समय मानवरहित सिस्टम पर बहुत ज्यादा भरोसा किया. यह सर्विलांस ड्रोन 600 मील की फ्रंट लाइन के हिस्से की निगरानी करते हैं. यह एक पारंपरिक जासूसी की जगह भी ले रहे हैं. जब भी रूसी सैनिक आगे बढ़ते हैं, तो पहले विस्फोटक ड्रोन तैनात किए जाते हैं, और बड़े ड्रोन ऊपर से बम गिराते हैं. इन हमलों से बचने के लिए रूस ने भी टैक्टिकल मोटरसाइकिल यूनिट सहित अन्य लो टेक तरीकों को अपनाया है. रूस के सैन्य अधिकारियों को कई बार ड्रोन अटैक का सामना करना पड़ा है.