ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने अपने छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनसे सभी खिताब और सम्मान छीन लिया है. इतनी ही नहीं बल्कि उन्हें उनके शाही आवास रॉयल लॉज से निकालने का भी आदेश जारी किया है. ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस के ऐलान के मुताबिक किंग चार्ल्स III ने प्रिंस एंड्रयू से शेष शाही खिताब लेने का फैसला किया है. अवैध यौन संबंध मामले को लेकर प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. 

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न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक बकिंघम पैलेस के बयान में कहा गया, “किंग चार्ल्स ने आज औपचारिक रूप से प्रिंस एंड्रयू के सभी टाइटल्स, स्टाइल और ऑनर्स को समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.” इस फैसले के बाद अब एंड्रयू को किसी भी शाही उपाधि से नहीं पुकारा जाएगा. अब उन्हें एंड्रयू माउंटबैटन विंडसर के नाम से जाना जाएगा. 

प्रिंस एंड्रयू ने सभी आरोपों से किया इनकारउनके पास रॉयल लॉज की जो लीज (किरायानामा) थी, उसके तहत उन्हें अब तक कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन अब औपचारिक नोटिस जारी कर दिया गया है, ताकि वह यह संपत्ति छोड़कर निजी आवास में जा सकें. पैलेस ने कहा कि यह कदम आवश्यक है. हालांकि प्रिंस एंड्रयू ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.

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क्यों लिया गया यह फैसला?65 वर्षीय प्रिंस एंड्रयू दिवंगत रानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के तीसरे बेटे हैं. बीते कुछ वर्षों से उनका नाम दिवंगत अमेरिकी अरबपति और यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन से जुड़े विवादों के कारण लगातार सुर्खियों में रहा है. एंड्रयू पर आरोप है कि उन्होंने एप्स्टीन की करीबी वर्जीनिया रॉबर्ट्स गियुफ्रे के साथ अवैध संबंध बनाए, जब वो नाबालिग थी.

प्रिंस एंड्रयू ने हमेशा इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. इन विवादों के चलते पहले ही एंड्रयू को उनके “ड्यूक ऑफ यॉर्क का खिताब छोड़ना पड़ा था, लेकिन अब बढ़ते जनदबाव और मीडिया आलोचना के बीच किंग चार्ल्स ने शाही परिवार की छवि बचाने के लिए यह कड़ा कदम उठाया है.

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