दिल्ली: भारत को इस बार चीन पर बढ़त हासिल है और बातचीत के बजाए तिब्बत को आजाद करा लेना चाहिए. ये कहना है एसएफएफ के एक पूर्व कमांडो का जिनका बेटा 29-30 अगस्त की रात एलएसी पर हुए ऑपरेशन में शामिल था और एक लैंडमाइन की चपेट में आकर घायल हो गया था.


इस घटना में कमांडो का साथी वीरगति को प्राप्त हो गया था. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में पूर्व कमांडो ने कहा कि उनका बेटा घायल जरूर हुआ है लेकिन इलाज के बाद एक बार फिर चीन के खिलाफ लड़ने एलएसी पर जाएगा. तिब्बत शरणार्थी, तेसी तेनजिंग ने 22 साल (1987-2009) तक भारत की सीक्रेट क्रैक यूनिट, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (एसएसएफ) में अपनी सेवाएं दी हैं. लेकिन रिटायरमेंट का बाद उनका बेटा, तेनजिंग लोंगडिंग एसएसएफ यानि सेना की विकास-रेजीमेंट में शामिल हो गया.


29-30 अगस्त की रात पैंगोंस-त्सो झील के दक्षिण इलाके वाले में जो भारतीय सेना ने प्रि-एम्पटिव ऑपरेशन किया था उसमें एसएफएफ की यूनिट भी शामिल थी. उस‌ एसएफएफ यूनिट का हिस्सा, लोंगडिंग और नियेमा तेनजिन भी थे. लेकिन ब्लैक टॉप पर चढ़ाई करते वक्त वे दोनों एक लैंडमाइन की चपेट में आ गए. ये लैंडमाइन 1962 के युद्ध के दौरान की थी. इस ब्लास्ट में नियेमा तिनजिन वीरगति प्राप्त हो गए और लोंगडिंग घायल हो गए थे.


एबीपी न्यूज से बातचीत में तेसी तेनजिंग ने बताया कि उनका घायल बेटा अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है. लेकिन उसकी हालत स्थिर है और जल्द ही स्वास्थय होकर अपनी रेजीमेंट में वापस लौट जाएगा. तेसी के मुताबिक, उन्हें इस बात का अफसोस रहेगा कि उनका बेटा चीन के खिलाफ असल ऑपरेशन में हिस्सा नहीं ले सका. लेकिन उन्होनें ये भी कहा कि उनके बेटे ने भरोसा दिलाया है कि स्वस्थ होने के बाद वो एक बार फिर से एलएसी पर जाकर अपना टास्क पूरा करना चाहता है.


आपको बता दें कि ये पहली बार है कि एसएफएफ का कोई पूर्व कमांडो मीडिया के सामने आया है. इससे पहले तक इस विकास रेजीमेंट (या 'एस्टेबलिशमेंट-22') के बारे में कोई बात नहीं करता था. इस रेजीमेंट में तिब्बत मूल के सैनिक होते हैं और भारतीय सेना के सैन्य अफसर उनका नेतृत्व करते हैं. इस फोर्स का गठन 1962 युद्ध के बाद हुआ था और '71 के युद्ध, सियाचिन ऑपरेशन और करगिल युद्ध में भी उंची पहाड़ियों पर कब्ज करने में अहम भूमिका निभाई थी. लेकिन कहीं कोई चर्चा नहीं हुई. इस पलटन को गुरिल्ला-युद्ध में महारत हासिल है. अमेरिकी सीक्रेट एजेंसी, सीआईए ने खड़ा करने में मदद की थी.


लद्दाख की एक सीक्रेट लोकेशन पर रहने वाले तेसी तेनजिंग का कहना है कि वक्त आ गया है कि भारत को एसएफएफ के बारे में पूरी दुनिया को बता देना चाहिए. तेसी के मुताबिक, चीन ने तिब्बत पर गैर-कानूनी कब्जा किया हुआ है. उनका मानना है कि पहली बार भारत ने चीन को एलएसी पर पीछे खदेड़ा है. इसलिए भारत को अब चीन पर बढ़त बनाए रखनी चाहिए और बातचीत नहीं करनी चाहिए. क्योंकि चीन पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए.


तेसी का तो यहां तक कहना है कि चीन को इस बार तिब्बत को आजाद कर लेना चाहिए. इसके लिए तेसी का कहना है कि वो खुद एक बार फिर विकास रेजीमेंट में शामिल होना चाहते हैं.


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