Taliban In Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान शासन अफगान महिलाओं के अधिकारों पर लगातार अंकुश लगा रहा है. तालिबान ने अब संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) की महिला स्टाफ सदस्यों का हिजाब पहनने के लिए कहा है. खामा प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, UNAMA ने बताया कि तालिबानी अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यूएन से कहा कि महिला कर्मचारियों को ड्यूटी पर रिपोर्ट करते समय हिजाब पहनने पर विचार करना चाहिए. UNAMA के बयान के मुताबिक तालिबानी प्रतिनिधमंडल में 'सदाचार के प्रचार और दुराचार की रोकथाम मंत्रालय' के अधिकारी शामिल थे.  संगठन ने सोमवार (16 मई को) अपने कर्मचारियों के साथ हिजाब पहनने के तालिबान के निर्देश को साझा किया.

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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक UNAMA के बयान में यह भी कहा गया है कि मंत्रालय के कर्मचारी यूएन ऑफिस के बाहर खड़े होंगे ताकि यह निगरानी की जा सके कि हिजाब का इस्तेमाल किया गया है या नहीं. अगर मंत्रालय के कर्मियों को बिना हिजाब के कोई महिला कर्मचारी मिलती है, तो वे हिजाब पहनने के लिए "विनम्रता" से बात करेंगे क्योंकि बाहर हिजाब पहनना अनिवार्य है.

ह्यूमन राइट्स वॉच में महिला अधिकार प्रभाग की एसोसिएट डायरेक्टर हीथर बर्र ने ट्वीट किया, “ तालिबान का दावा है कि महिलाओं के लिए नए ड्रेस नियम 'सलाह' हैं, लेकिन उन्हें अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है- जिसमें संयुक्त राष्ट्र में काम करने वाली अफगान महिलाएं भी शामिल हैं."

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तालिबान ने यूएन ऑफिस के बाहर लगाया पोस्टर इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर, मंत्रालय ने महिलाओं को "हिजाब" पहनने का आह्वान करते हुए एक पोस्टर भी लगाया है. बर्र ने पोस्टर की एक तस्वीर ट्वीट की, जिसमें हिजाब के उदाहरण के रूप में एक काले रंग की परत वाला नक़ाब और एक चमकीले नीले रंग का बुर्का (चादरी) दिखाया गया है. 

बता दें दर्जनों अफगान महिलाएं तालिबान नेता के नए आदेश का विरोध कर रही हैं जिसमें महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य बनाया गया है.

तालिबान ने महिलाओं पर लगाए कई प्रतिंबधबता दें पिछले साल अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान ने दावा किया था कि इस बार उसका शासन पिछले कार्यकाल (1996 से 2001 तक) की तुलना में नरम होगा. लेकिन तालिबान अपने वादे को निभाता नहीं दिख रहा है बल्कि उसने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. महिलाओं को कई सरकारी नौकरियों, माध्यमिक शिक्षा, और अपने शहरों या अफगानिस्तान के बाहर अकेले यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया है.

तालिबान के दो शासनकाल के बीच के 20 वर्षों के समय में, लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति दी गई और महिलाओं को सभी क्षेत्रों में रोजगार की तलाश करने में सक्षम बनाया गया, हालांकि देश सामाजिक रूप से रूढ़िवादी बना रहा.

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