US On China-Tiwan Tension: चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच लगातार माहौल बिगड़ता जा रहा है. ताइवान का मसला चीन के लिए काफी जटिल है और वह इस हिस्से को लेकर काफी गंभीर भी है. ताइवान को लेकर चीन की सनक का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वह कई बार सेना की मदद से इस पर कब्जा करने की बात कह चुका है. ताइवना की घेराबंदी करने के बाद चीन अब पूरी तरह से घबरा गया है. इसकी तस्दीक इस बात से हो सकती है कि ड्रैगन अब अपने ही सैनिकों की जासूसी कराने लगा है. 


दरअसल, अमेरिकी खुफिया एजेंसी (American Intelligence Agency) कि रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीन अपने ही सैनिकों की जासूसी करा रहा है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चीन अपने सैनिकों को ब्रेसलेट (Bracelet) पहना रहा और साथ ही उनकी ब्रेन मैपिंग (Brain Mapping) कर उनका बायोलॉजिकल डाटा (Biological Data) भी इकट्ठा करवा रहा है. 


अमेरिकी एजेंसियों की रिपोर्टों में किया गया यह खुलासा


अमेरिकी एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि चीन को इस बात का डर है कि अगर वह ताइवन पर हमला करता है तो चीन के सैनिक ताइवान के नागरिकों पर हमला करने से पीछे हट सकते हैं. चीन के डर के पीछ गलवान घाटी में भारत से हार भी एक वजह है. चीन को इस बात का डर सता रहा कि जो गलवान घाटी में हुआ था, कहीं उसी प्रकार की घटना ताइवान के साथ भी ना हो जाए. इसलिए चीन इस तरह की किसी भी घटना से बचने के लिए अपने ही सैनिकों की जासूसी करवा रहा है. 


अमेरिका ने चीन के इस कदम की आलोचना की


बता दें कि इससे पहले भी कई देशों पर अपने ही सैनिकों की ब्रैन मेपिंग कराने का आरोप लगता रहा है. अमेरिका पर भी कई बार अपने सैनिकों की ब्रैन मेपिंग करने का आरोप लग चुका है  लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसने कभी भी इस बात को कबूल नहीं किया है. हांलाकि, अमेरिका ने चीन के इस कदम की आलोचना की है. अमेरिका का कहना है कि यह सरासर अमानवीय है. इस प्रकार से सैनिकों की ब्रैन मेपिंग नहीं की जानी चाहिए. 


वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि चीन को इस बात का पूरा भरोसा है कि अगर ताइवान के साथ युद्ध होता है तो उसके सैनिक भाग जाएंगे. चीन के अलावा कोई और देश इस प्रकार से अपने सैनिकों की ब्रैन मेपिंग नहीं करता. एक्सपर्ट की मानें तो चीन ताइवान को अपना अभिन्न अंग मानता है. चीन अक्सर ताइवान के लोगों को अपना भाई होने का दावा करता रहा है. ऐसे में अगर चीन और ताइवान युद्ध होता है तो उसके सैनिक कैसे अपने ही भाईयों पर हमला कर सकते हैं. 


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