डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है. दरअसल वो डॉक्टर ही होते हैं तो 24 घंटे मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध रहते हैं. कई बार तो ये डॉक्टर खुद की जान की परवाह किए बिना मरीजों की जान बचाते हैं. रूस में भी कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया है. दरअसल यहां एक सदी पुराने अस्पताल में आग लग गई थी. लेकिन आग की चिंता किए बिना डॉक्टर एक मरीज की हार्ट सर्जरी करते रहे.


अस्पताल में लगी आग


ये घटना रूस के ब्लागोव्सचेंस्क शहर के एक अस्पताल की है. यहां शुक्रवार को अचानक आग गई थी. जब आग की लपटें अस्पताल से उठ रही थी उस दौरान वहां आठ डॉक्टरों की टीम ऑपरेशन थिएटर में एक मरीज की हार्ट सर्जरी कर रही थी. जहां एक तरफ अस्पताल की बिल्डिंग से जबरदस्त धुंआ उठ रहा था तो वहीं  डॉक्टरों की टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना सर्जरी जारी रखी.





जलते हुए अस्पताल में दो घंटे में पूरी हुई सर्जरी


इस दौरान ऑपरेशन थिएटर में धुंआ रोकने के लिए पंखों का भी इस्तेमाल किया गया. दमकलकर्मियों को अस्पताल में लगी आग को बुझाने में दो घंटे का समय लगा. इतनी ही अवधि के दौरान डॉक्टरों ने भी मरीज की सफल ओपन हार्ट सर्जरी पूरी की.


वहीं जलते हुए अस्पताल में मरीज की सर्जरी करने वाले एक डॉक्टर वैलेन्टिन फिलाटोव ने कहा कि, हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं था और हमें मरीज की जिंदगी बचानी ही थी. उन्होंने बताया कि ये हर्ट-बायपास ऑपरेशन था. सफल सर्जरी किए जाने के बाद मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था.


लकड़ी की छत पर लगी थी आग


वहीं आपात स्थिति मंत्रालय ने कहा कि छत पर आग लगने के बाद 128 लोगों को तुरंत अस्पताल से निकाला गया. मंत्रालय ने ये भी बताया कि जिस क्लिनिक में आग लगी थी वह बेहद पुराना बिल्डिंग है. उसे 1907 में बनाया गया था. मंत्रालय ने कहा कि आग लकड़ी की छत से बिजली की तरह फैल गई थी. फिलहाल किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है. वहीं स्थाननीय क्षेत्रीय गवर्नल वासिल ओलोर्व ने मैडिक्स और फायरफाइटर्स को उनकी बहादुरी के लिए सलाम  किया है.


  ये भी पढ़ें


अमेरिकी संसद के बाहर कार सवार ने दो पुलिस अफसरों को कुचला, एक की मौत, गोलीबारी में संदिग्ध भी मारा गया


अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी ने किया प्रैंक, स्टाफ और पत्रकारों को बनाया अप्रैल फूल