US Tariff: दक्षिण कोरिया और वियतनाम ने हाल ही में अमेरिका की ओर से प्रस्तावित टैरिफ के खिलाफ मिलकर एक-दूसरे की मदद करने की सहमति दी है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नई नीति के तहत दक्षिण कोरिया  पर 25 और वियतनाम पर 46 प्रतिशत तक के टैरिफ लगाने की तैयारी में हैं.

Yonhap News Agency की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ताए-युल ने वियतनाम की राजधानी हनोई में वियतनामी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बुई थान सोन से मुलाकात की. इस द्विपक्षीय बातचीत में दोनों देशों ने स्पष्ट किया कि वे टैरिफ के संभावित प्रभाव को कम करने के लिए जरूरी काम करेंगे और साथ ही अपने रणनीतिक सहयोग को भी बढ़ावा देंगे.

साउथ कोरिया का वियतनाम में बड़े पैमाने पर निवेशदक्षिण कोरियाई कंपनियों ने वियतनाम में बड़े पैमाने पर निवेश किया हुआ है. विशेष रूप से सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, जो अपने लगभग आधे स्मार्टफोन वियतनाम में ही बनाती है, जो अमेरिकी टैरिफ से सीधा प्रभावित हो सकती है. इसके चलते दोनों देशों के बीच की बातचीत सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि कूटनीति, सुरक्षा, ऊर्जा, निवेश और बुनियादी ढांचे तक फैली हुई है.

वियतनाम सरकार से आग्रहदक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो ताए-युल ने वियतनाम सरकार से आग्रह किया. उन्होंने कहा कि वह वहां काम कर रही दक्षिण कोरियाई कंपनियों की स्टे परमिट, नियामक स्वीकृति और अन्य प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने में मदद करें. इस समय वियतनाम में करीब 10,000 दक्षिण कोरियाई कंपनियां एक्टिव हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.

वियतनाम ने दिया आश्वासनवियतनाम की ओर से बुई थान सोन ने आश्वासन दिया कि दक्षिण कोरियाई कंपनियां उनकी सरकार के लिए प्राथमिकता हैं. उनकी सरकार इन कंपनियों के लिए बिजनेस वातावरण को अधिक सहयोगपूर्ण बनाने का प्रयास कर रही है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि वियतनाम सरकार कोरियाई नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी पूरी तरह गंभीर है, खासकर उन लोगों की, जो वियतनाम की यात्रा कर रहे हैं या वहां रह रहे हैं.

P4G शिखर सम्मेलन में लिया भागइस द्विपक्षीय यात्रा के दौरान चो ने कोरियाई समुदाय और व्यापारिक प्रतिनिधियों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर उनकी चिंताओं को सुना और विभिन्न व्यावसायिक मुद्दों पर चर्चा की. उनका यह दौरा केवल व्यापारिक उद्देश्यों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर समाधान खोजने के लिए आयोजित P4G (Green Growth and Global Goals) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भी वियतनाम की यात्रा की थी.