Singapore Indian-Origin Death Row: सिंगापुर (Singapore) में 46 साल के भारतीय मूल के शख्स को गांजे (Cannabis) की तस्करी के आरोप में फांसी दे दी गई. भारतीय शख्स ने सिंगापुर के जेलों में 9 साल का लंबा समय बिताया था, जिसके बाद उसे बुधवार (26 अप्रैल) को मौत की सजा दी गई.


सिंगापुर जेल सेवा के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि सिंगापुर के तंगराजू सुप्पैया देश के चांगी जेल परिसर में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. भारतीय शख्स को मिली फांसी की सजा खत्म करने के लिए देश के राष्ट्रपति हलीमा याकूब से गुहार लगाई गई थी, लेकिन ये याचिका खारिज कर दी गई.


दुनिया के कुछ सबसे कठोर और सख्त कानून
सिंगापुर में ड्रग्स के मामले में दुनिया के कुछ सबसे कठोर और सख्त कानून है. इस पर तर्क देते हुए देश की सरकार का कहना है कि ड्रग्स के मामले को रोकने के लिए ऐसे कठोर उपाय जरूरी है. उनका मानना है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में ड्रग्स चिंता के प्रमुख कारणों में से एक है. हालांकि, भारतीय शख्स तंगराजू सुप्पैया का मामला उतना संदिग्ध लगता नहीं है, जितना दिखाया गया है.


उसे ड्रग्स के मामले में सिंगापुर में फांसी देने का फैसले को लेकर दुनियाभर में आलोचना की गयी है. इसके अलावा कई बड़ी हस्तियों ने दावा किया है कि सिंगापुर ने एक बेकसूर आदमी को फांसी की सजा दे दी है.


कोर्ट ने गवाह के बयान पर ध्यान नहीं दिया
मीडिया रिपोर्टों के आधार पर भारतीय शख्स तंगराजू सुप्पैया की सजा का फैसला पुलिस के बयान पर आधारित है. पुलिस पर ये भी आरोप है कि उन्होंने पूछताछ के दौरान तंगराजू को न तो एक वकील और न ही एक तमिल बोलने वाला ट्रांसलेटर दिया गया, जबकि इसके लिए तंगराजू ने इन दोनों चीजों के लिए पुलिस के सामने मांग भी रखी थी.


इस तरह के आरोप तंगराजू से पूछताछ के दौरान संभावित खामियों पर सवालिया निशान पैदा करते हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने फांसी के फैसले वाली रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोर्ट इस मामले में चौथे आदमी का पता लगाने में सफल नहीं हो पाई, जिसे जजों ने गवाह के बयान की पुष्टि करने के लिए महत्वपूर्ण माना था.


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