चीन के तियानजिन में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला. दोनों नेता रूस में बनी ऑरस सेडान कार में साथ बैठकर रिट्ज-कार्लटन होटल तक पहुंचे. पुतिन प्रधानमंत्री मोदी का इंतज़ार लगभग 10 मिनट तक करते रहे. दोनों नेताओं ने रास्ते में और फिर होटल पहुंचकर लगभग 45 मिनट तक चर्चा जारी रखी. इस दौरान ऊर्जा, रक्षा और वैश्विक व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर गहन बातचीत हुई.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस अनोखे कारपूल अनुभव को साझा किया और लिखा SCO शिखर सम्मेलन स्थल पर कार्यवाही के बाद राष्ट्रपति पुतिन और मैं द्विपक्षीय बैठक स्थल तक साथ-साथ गए. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर कड़े टैरिफ लगाए हैं.
गर्मजोशी से स्वागत और गले मिले दोनों दिग्गजसम्मेलन स्थल पर भी मोदी और पुतिन के बीच गर्मजोशी का माहौल देखने को मिला. दोनों नेताओं ने गले मिलकर एक-दूसरे का अभिवादन किया. इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए. इस मौके पर पीएम मोदी ने लिखा राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर हमेशा खुशी होती है! इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अमेरिका के भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 फीसदी तक टैरिफ ने बाजारों को प्रभावित किया है. इसके बीच भारत का रूस से रियायती तेल खरीदना, द्विपक्षीय चर्चा का मुख्य बिंदु रहा. अधिकारी बताते हैं कि ऊर्जा साझेदारी और रक्षा सहयोग इस बैठक का प्रमुख एजेंडा था.
मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की साथ तस्वीरेंSCO शिखर सम्मेलन में एक और ऐतिहासिक पल तब देखने को मिला, जब प्रधानमंत्री मोदी, पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ दिखे. तीनों नेताओं की मुस्कुराते और गर्मजोशी से मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं.
SCO में पीएम मोदी का संदेशअपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने SCO के प्रति भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया.उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिकताएं तीन स्तंभों पर आधारित हैं.
- सुरक्षा – आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई, विशेष रूप से हालिया पहलगाम हमले का जिक्र किया.
- संपर्क (Connectivity) – चाबहार बंदरगाह और उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी परियोजनाओं को बढ़ावे पर जोर दिया.
- अवसर – क्षेत्रीय सहयोग और विकास को मजबूत करने पर ध्यान दिया.
पीएम मोदी ने नाम लिए बिना चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और पाकिस्तान से गुजरने वाले CPEC पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी की और कहा कि संप्रभुता की अनदेखी करने वाली परियोजनाएं विश्वास खो देती हैं.
7 साल बाद मोदी-शी जिनपिंग की द्विपक्षीय बैठकयह शिखर सम्मेलन इसलिए भी अहम रहा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सात साल बाद पहली द्विपक्षीय बैठक हुई. मोदी ने आतंकवाद से निपटने में भारत-चीन सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने सीमा पार आतंकवाद पर अपनी चिंताएं भी उठाईं. यह बैठक 2020 के गलवान संघर्ष के बाद हुई, जिससे उसकी अहमियत और बढ़ गई.