रूस और बेलारूस ने 'जापाद-2025' नाम का बड़ा परमाणु युद्धाभ्यास शुरू किया है. इस एक्सरसाइज में भारतीय सेना भी हिस्सा ले रही है. इनके अलावा भी कई देशों की सेनाएं अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान रूसी वायु सेना के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम TU-160 बॉम्बर की ओर है. NATO ने इसे 'ब्लैकजैक' नाम दिया है, जबकि रूस में इसे 'व्हाइट स्वान' यानी सफेद हंस कहा जाता है. यह बॉम्बर शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ ने तैयार किया था और आज भी यह बेहद ताकतवर माना जाता है. आइए जानते हैं इस शक्तिशाली विमान के बारे में विस्तार से-
सबसे बड़ा और भारी विमान
TU-160 अब तक का सबसे बड़ा और सबसे भारी सुपरसोनिक सैन्य विमान है. यह अब तक उड़ाए गए सबसे बड़े वेरिएबल-स्वीप विंग विमान का रिकॉर्ड भी रखता है. इसकी लंबाई करीब 54 मीटर है. इसका वजन लगभग 110,000 किलोग्राम है. इसके बावजूद यह आसानी से उड़ सकता है.
स्पीड जानकर रह जाएंगे हैरान!
रूसी खतरनाक बॉम्बर TU-160 दुनिया के सबसे तेज बॉम्बर्स में से एक है. इसकी अधिकतम स्पीड मैक 2 यानी 2,220 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक है. इस जेट में चार कुजनेत्सोव NK-32 आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं. ये किसी भी लड़ाकू विमान में लगाए गए सबसे शक्तिशाली इंजन माने जाते हैं.
45 हजार किलो की पेलोड क्षमता
TU-160 क्रूज मिसाइल सहित 45,000 किलोग्राम तक के परमाणु और पारंपरिक हथियार ले जा सकता है. इसका पेलोड बहुत अधिक होने के कारण इसे 'मिसाइल ट्रक' भी कहा जाता है.
एक बार फ्यूलिंग के बाद 12 हजार KM की रेंज
इस विमान का अनोखा वेरिएबल ज्योमेट्री विंग डिजाइन इसे बेहतर प्रदर्शन देने में मदद करता है. यह सबसोनिक और सुपरसोनिक दोनों उड़ान के लिए उपयुक्त है. इसका विंग फैलाव 56 मीटर तक हो सकता है. टीयू-160 एक बार ईंधन भरने के बाद 12,000 किलोमीटर (7,500 मील) से अधिक दूरी तय कर सकता है. इसके साथ ही उड़ान के दौरान ईंधन भरकर इसकी रेंज को और बढ़ाया जा सकता है. इस विमान को उड़ाने के लिए कुल चार लोग होते हैं- पायलट, को-पायलट, बमवर्षक और रक्षात्मक प्रणाली संचालक.
मिसाइल ट्रक की भूमिका
TU-160 मुख्य रूप से 'स्टैंडऑफ मिसाइल ट्रक' के रूप में काम करता है. इसका मतलब है कि यह दुश्मन की हवाई सुरक्षा से बाहर से लंबी दूरी की परमाणु मिसाइल ले जाकर लॉन्च कर सकता है.
TU-160एम जैसे नए वर्जन को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. इसमें नए एवियोनिक्स सिस्टम, एडवांस रडार प्रणाली और नई हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल की गई हैं. TU-160 रूस के परमाणु त्रिकोण का अहम हिस्सा है. यह सामरिक स्ट्रेटेजिक डेटेरेंस फोर्स का प्रमुख हिस्सा बनकर रूस की रक्षा प्रणाली में अहम योगदान देता है.