रूस अक्सर अपनी हाइपरसोनिक और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों की वजह से वैश्विक चर्चा में रहता है. उसकी मिसाइलें इतनी तेज और अत्याधुनिक हैं कि विशेषज्ञ इन्हें आने वाले समय की युद्ध रणनीति का भविष्य मानते हैं. जिरकोन, किंजल और सरमत - ये तीनों मिसाइलें तकनीक, गति और मारक क्षमता के मामले में सबसे अलग हैं. आइए इन्हें बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं.

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रूस की जिरकोन मिसाइल खासतौर पर युद्धपोतों और पनडुब्बियों से दागे जाने के लिए बनाई गई है. इसकी गति इतनी अधिक है कि रडार इसे पकड़ ही नहीं पाते. हवा में चलते समय यह अपने चारों ओर ऐसा गर्म प्लाज़्मा आवरण बनाती है जो इसे लगभग अदृश्य कर देता है. Militarnyi की रिपोर्ट के मुताबिक जिरकोन हाइपरसोनिकक्रूज मिसाइल की कीमत लगभग ₹43 से ₹47 करोड़ प्रति यूनिट है. यह मिसाइल मैक 9, यानी करीब 11,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है और करीब 1,000 किमी दूर तक लक्ष्य भेदने की क्षमता रखती है. इसे रूस ने अपने एडमिरल गोर्शकोव जैसे उन्नत जहाज़ों पर तैनात किया है.

किंजल मिसाइल: हवा से दागी जाने वाली तेज़ और घातक हथियार प्रणाली

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किंजल रूस की एयर-लॉन्च हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है. रिपोर्ट के मुताबिक इसकी कीमत 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर है. इसे मिग-31K जैसे तेज विमान हवा में लेकर जाते हैं और वातावरण के भीतर से ही यह मिसाइल अपने लक्ष्य की ओर निकल पड़ती है. इसकी गति मैक 10, यानी 12,000 किमी प्रति घंटे के करीब मानी जाती है. रेंज प्लेटफॉर्म पर निर्भर करती है. मिग-31K से दागे जाने पर इसकी मारक दूरी लगभग 460–480 किमी होती है, जबकि TU-22M3M जैसे बड़े विमान से दागे जाने पर यह 2,000–3,000 किमी तक जा सकती है. किंजल का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसे इंटरसेप्ट करना लगभग असंभव माना जाता है. यह भूमिगत बंकरों तक को नष्ट करने की क्षमता रखती है.

सरमत ICBM: दुनिया की सबसे खतरनाक इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल

RS-28 सरमत, जिसे दुनिया "शैतान-II" के नाम से भी जानती है, रूस की सबसे विशाल और विनाशकारी ICBM है. यह मिसाइल कई परमाणु वारहेड एक साथ ले जा सकती है और पृथ्वी के किसी भी हिस्से को निशाना बनाने में सक्षम है. इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है कि इसकी कीमत क्या है. हालांकि, कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इसकी कीमत भारतीय करेंसी में 290 करोड़ है.

इसकी अधिकतम गति मैक 20, यानी करीब 25,000 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. यह मिसाइल हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल भी ले जा सकती है, जिससे दुश्मन का कोई भी रक्षा तंत्र इसे रोक नहीं पाता. सरमत को गहरे भूमिगत साइलो में रखा जाता है और तीन-स्टेज लिक्विड फ्यूल इंजन इसे अविश्वसनीय दूरी तक ले जाने में सक्षम बनाता है.

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