अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु परीक्षण वाले बयान ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है. रूस ने शुक्रवार (7 नवंबर 2025) को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्ट वाले बयान पर अमेरिका को स्पष्टीकरण देना चाहिए. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि अगर अमेरिका इस दिशा में कोई कदम उठाता है तो फिर रूस के साथ-साथ पूरी दुनिया से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो जाएंगी.

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ट्रंप के परमाणु टेस्टिंग वाले बयान के बाद मची हलचल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर रहा था कि उन्होंने फौरन परमाणु हथियार की टेस्टिंग का आदेश दिया है. ट्रंप ने लिखा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं. यह सब मेरे पहले कार्यकाल के दौरान ही संभव हो पाया. रूस दूसरे स्थान पर है और चीन काफी दूर तीसरे स्थान पर है, लेकिन अगले पांच सालों में यह बराबरी पर आ जाएगा. अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि वह हमारे परमाणु हथियारों का समान आधार पर परीक्षण शुरू करे. यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी.'

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पुतिन की अमेरिका को चेतावनी

इलको लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार (5 नवंबर 2025) को अपने शीर्ष अधिकारियों को संभावित परमाणु हथियार परीक्षणों पर ठोस प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया था. पुतिन ने कहा कि रूस ने अब तक व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के तहत अपने सभी दायित्वों का कड़ाई से पालन किया है. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अमेरिका या कोई अन्य परमाणु शक्ति इस संधि का उल्लंघन कर परीक्षण करती है तो रूस भी उसी रास्ते पर चलेगा.

रूस-अमेरिका के पास सबसे अधिक परमाणु हथियार

1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से मॉस्को ने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है. रूस और अमेरिका के पास दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार के भंडार हैं. रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि मॉस्को को रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाशिंगटन के कदमों पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि परमाणु परीक्षणों की तैयारी तुरंत शुरू करना उचित है.