यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों का संगठन 'नाटो' (NATO) रूस को लेकर सख्त रवैया अपना रहा है और उस पर तमाम आर्थिक प्रतिबंध लगा रहा है. इसके अलावा नाटो रूस को लेकर बड़े बयान भी दे रहा है, जिससे बौखलाए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा फैसला लिया है. पुतिन ने रूस के न्यूक्लियर डिटेरेंस फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है. इससे दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है. 

रूस के राष्ट्रपति ने रविवार को रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव इसके साथ बैठक की. इस दौरान पुतिन ने कहा कि "पश्चिमी देश न केवल हमारे देश के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई कर रहे हैं, बल्कि प्रमुख नाटो देशों के नेता हमारे देश के बारे में आक्रामक बयान दे रहे हैं. मैं रूस के  फोर्सेस को स्पेशल ड्यूटी में स्थानांतरित करने का आदेश देता हूं." पुतिन ने नाटो देशों के "आक्रामक बयानों" के जवाब में अपनी सेना को रूस के परमाणु प्रतिरोध बलों को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है. 

यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों के साथ तनाव बढ़ने के कारण रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्या फैसला लिया है. पुतिन ने रूस के रक्षा मंत्री और ‘मिलिट्री जनरल स्टाफ’ के प्रमुख को आदेश दिया कि परमाणु रोधी बलों को ‘‘युद्ध संबंधी दायित्व के लिए तैयार रखा जाए. इससे पहले फ्रांस के विदेश मंत्री ने कहा था कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की धमकी दे रहा है, लेकिन उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि नाटो के पास भी परमाणु हथियार हैं.

पुतिन ने विदेशी देशों को यूक्रेन पर उनके आक्रमण में हस्तक्षेप न करने की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ऐसा किसी ने किया तो बेहद खतरनाक होगा. रूस ने बेलारूस में हवा-रोधी मिसाइलें और अन्य एडवांस मिसाइल सिस्टम तैनात किए हैं. रूसी आक्रमण में अब तक सैकड़ों लोग मारे गए हैं. रूस ने कीव, खार्किव और अन्य प्रमुख यूक्रेनी शहरों में इमारतों के खिलाफ मिसाइल हमले शुरू किए हैं.

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