अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकवाने की कोशिशों को एक बड़ा झटका लग सकता है. चार (04) वर्षों से चल रही जंग में पहली बार यूक्रेन ने रूस की किसी पनडुब्बी को निशाना बनाया है. खास बात है कि ब्लैक सी के एक बंदरगाह पर खड़ी इस पनडुब्बी पर यूक्रेन ने अंडरवाटर ड्रोन से हमला किया.

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यूक्रेन की खुफिया एजेंसी, एसबीयू (सिक्योरिटी ब्यूरो) ने इस हमले को अंजाम दिया है और हमले के बाद एक वीडियो भी जारी किया है. एसबीयू के मुताबिक, ब्लैक सी (काला सागर) में रूस के नोवोरोसिस्यक बंदरगाह पर खड़ी वरसा व्यांका (किलो) क्लास की इस सबमरीन को निशाना बनाया गया है. प्रोजेक्ट 636.3 नाम की ये अटैक सबमरीन, चार कैलिबर मिसाइल से लैस थी.

पनडुब्बी को जंग के दौरान निशाना बनायाएसबीयू के वीडियो में देखा जा सकता है कि नोवोरोसिस्यक बंदरगाह पर एक पनडुब्बी के साथ-साथ कम से कम आधा दर्जन जंगी जहाज और बोट्स में खड़े हैं. इसी बीच पनडुब्बी में एक जोरदार धमाका होता है. यूक्रेन का दावा है कि हमले से पनडुब्बी और उसकी मिसाइलों को निष्क्रिय कर दिया गया है. खास बात है कि करीब 50 वर्ष बाद किसी पनडुब्बी को जंग के दौरान निशाना बनाया गया है. आखिरी बार, 1971 के भारत-पाकिस्तान जंग में विशाखापट्टनम बंदरगाह (आंध्र प्रदेश) के करीब बंगाल की खाड़ी में आईएनएस गाजी नाम की सबमरीन तबाह हुई थी. पाकिस्तान की ये पनडुब्बी, विशाखापट्टनम में खड़े भारतीय युद्धपोतों को निशाना बनाने के इरादे से आई थी, लेकिन उस दौरान इस पनडुब्बी में एक जोरदार धमाका हुआ और पीएनएस गाजी, बंगाल की खाड़ी में जमींदोज हो गई. पीएनएस गाजी का मलबा आज भी विशाखापट्टनम के करीब समंदर में पड़ा है.

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रूस के रक्षा मंत्रालय बताया गलतयूक्रेन के दावे के बाद रूस के रक्षा मंत्रालय ने पनडुब्बी के निष्क्रिय होने की खबरों को सरासर गलत बताया. रूस की ब्लैक सी फ्लीट के हवाले से रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के अंडरवाटर ड्रोन हमले में किसी भी पनडुब्बी या फिर जहाज को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. ना ही हमले में कोई रूसी नौसैनिक हताहत हुआ है. रूस का दावा है कि हमला का शिकार हुई पनडुब्बी पूरी तरह से ऑपरेशन्ल है.जंग के शुरुआती हफ्तों में यूक्रेन ने रूस के मोस्कावा जहाज को मिसाइल अटैक के जरिए ब्लैक सी में तबाह कर दिया था. इस हमले में जहाज पर तैनात रूसी नौसैनिकों की भी जान चली गई थी.

ब्लैक सी में रूसी पनडुब्बी पर हमले से भड़क सकती है जंगउल्लेखनीय है कि यूक्रेन ने रूसी पनडुब्बी को ऐसे समय में निशाना बनाया है, जब बर्लिन में दो दिवसीय शांति वार्ता का आयोजन किया गया था. इस बैठक में यूक्रेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. बैठक के बाद ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात कर युद्ध रोकने पर चर्चा की. ब्लैक सी में रूसी पनडुब्बी पर हमले से जंग की आग एक बार फिर भड़क सकती है और युद्ध के लंबा खींचने की आशंका है. 24 फरवरी 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ था. ऐसे में दो महीने के भीतर, जंग को पूरे चार वर्ष हो जाएंगे.

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