Russia sukhoi su 57 Fighter Jet: रूस की 5वीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमान ने हाल ही में एयरो इंडिया 2025 में भाग लिया था. उसके बाद इसे वापस रूस भेजा जा रहा था, लेकिन रूस लौटने से पहले Su-57 को ईरान के एक एयर फोर्स बेस पर लैंडिंग करना पड़ा, जिसने कई तरह की अटकलों को जन्म दिया है. ईरानी सूत्रों के अनुसार Su-57 ने 9वें टैक्टिकल एयर फोर्स बेस पर लैंडिंग की. दावा किया गया कि फाइटर जेट यहां ईंधन भरने के रुका था.
रूस से भारत के बीच की दूरी 4000 किलोमीटर से अधिक है और Su-57 की रेंज 3500 किलोमीटर है, इसलिए इस दूरी को तय करने के लिए एक स्टॉपओवर की जरूरत थी. फारस की खाड़ी के पास स्थित बंदर अब्बास को इस स्टॉप के लिए सही समझा गया है, क्योंकि यह रणनीतिक नजरिए से भी सही जगह है.
ईरान की रूसी फाइटर पर नजरयह लैंडिंग केवल जरूरत को पूरा करने तक सीमित नहीं थी, बल्कि ईरान को 5वीं पीढ़ी के इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को करीब से देखने का मौका भी मिला. ईरान हाल के समय में रूस के फाइटर जेट में इंटरेस्ट दिखा रहा है. हालांकि, इस लैंडिंग के संबंध में किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि रूसी या ईरानी अधिकारियों की तरफ से नहीं की गई है.
सीरिया के हमीमिम बेस का विकल्पसामान्य तौर पर रूसी विमान लंबे रूट को पूरा करने के लिए सीरिया के हमीमिम बेस का इस्तेमाल करते थे, लेकिन दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद यह बेस अब रूस के लिए सही विकल्प नहीं रहा है. इसकी वजह से रूस को अपने फाइटर जेट के लिए ईरान के तौर पर नया ठिकाना चुना पड़ा.
संभावित ग्राहक की तलाश?यह लैंडिंग रूस के राष्ट्रपति की ओर से Su-57 को पिच करके संभावित ग्राहकों की तलाश का हिस्सा भी हो सकती है. ईरान दुनिया भर में सैन्य शक्तियों में से एक ताकतवर देश है. इस वजह से शायद वो Su-57 में रूचि दिखा सकता है, जिससे रूस की तरफ से उठाया कदम काफी दिलचस्प माना जा रहा है.
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