Annual Kaaba Washing: मुहर्रम के महीने में पवित्र काबा को धोने की रस्म हर साल की तरह इस साल भी काफी उत्साह के साथ रविवार को निभाई गई. इस बार पवित्र काबा को धोने की रस्म रविवार को किंग सलमान की तरफ से मक्का के उप-गवर्नर प्रिंस सऊद बिन मिशाल बिन अब्दुलअजीज द्वारा की गई.

Continues below advertisement

सऊदी प्रेस ने बताया कि ग्रैंड मस्जिद पहुंचने पर उप गवर्नर का स्वागत हज और उमराह मंत्री और दोनों पवित्र मस्जिदों के निदेशक मंडल के अध्यक्ष डॉ तौफीक अल-रबिया ने किया. इस दौरान ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर मस्जिद में धार्मिक मामलों के अध्यक्ष शेख डॉ अब्दुल रहमान अल-सुदैस के अलावा कई महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे. डिप्टी गवर्नर ने रस्म के दौरान पवित्र काबा के अंदरूनी हिस्से को गुलाब जल में मिले जमज़म के पानी से धोया. इसके बाद उन्होंने दो रकात तवाफ़ अदा किया.

सऊदी अरब को इस्लाम के लिए विशेष अधिकारअल-सुदैस ने कहा कि पवित्र काबा को धोना एक इस्लामी परंपरा, एक पैगंबरी सुन्नत और वैश्विक मंच पर सऊदी नेतृत्व का प्रतिबिंब है. उन्होंने आगे कहा: 'ईश्वर ने इस देश को दो पवित्र मस्जिदों और वहां आने वाले लोगों की सेवा और देखभाल करने का सम्मान दिया है. साथ ही सऊदी अरब साम्राज्य को इस महान कर्तव्य में आगे खड़ा किया है' यह अवसर मुसलमानों और हमारे देश के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ईश्वर ने सऊदी अरब साम्राज्य, उसके नेतृत्व और उसके नागरिकों को इस विशेष अधिकार से सम्मानित किया है.

Continues below advertisement

हर साल काबा में निभाई जाती है रस्मअल सुदैस ने रस्म अदायगी के बाद देश के राजा और युवराज के प्रति आभार व्यक्त किया. इसके साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं और उमराह तीर्थयात्रियों को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रिंस की सराहना की. उम्म अल-कुरा विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर डॉ फवाज अल-दहास ने अरब न्यूज को बताया कि 'काबा को धोना एक बड़ा सम्मान है. इस आयोजन को किंगडम की सरकार हर साल करती है. यह असाधारण आयोजन एक अद्वितीय सम्मान है. यह आयोजन धरती के सबसे पवित्र स्थल के प्रति सउदी किंगडम के समर्पण और श्रद्धा को दर्शाता है.'

जमजम के पानी में मिलाया जाता है इत्रउन्होंने बताया कि इस आयोजन के दौरान काबा के बाहरी आवरण या किस्वा को हटा दिया जाता है और भीतरी दीवारों को ज़मज़म के पानी से साफ किया जाता है. जमजम के पानी में गुलाब जल और बेहतरीन इत्र मिलाये जाते हैं. इसी पानी में भिगोए गए सफेद कपड़ों से भीतरी दीवारों और फर्श को साफ किया जाता है. सफाई की रस्म पूरी होने के बाद काबा को फिर से ढक दिया जाता है. 

रस्म में शामिल होते हैं दुनियाभर के लोगइस्लामी इतिहास के प्रोफेसर डॉ. अयेद अल-जहरानी ने अरब न्यूज़ को बताया कि काबा को धोना एक पवित्र इस्लामी परंपरा है जो हर साल मुहर्रम के महीने में निभाई जाती है. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में मक्का के गवर्नर या उनके प्रतिनिधि सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ विश्व भर की प्रमुख इस्लामी हस्तियां भाग ले रही हैं.

यह भी पढ़ेंः श्रीलंका की सरकार देश के 276 मृत मुसलमानों का कराया जबरन दाह संस्कार, अब मांगने जा रही माफी