अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की शाखाओं ने अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पक्षपातपूर्ण कवरेज को लेकर अपने-अपने देशों में पश्चिमी मीडिया और मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों की मंगलवार (23 जनवरी, 2024) को आलोचना की और उन समाचार लेखों को तुरंत हटाने की मांग की.


विहिप ने एक बयान में कहा, 'विहिप की अमेरिका शाखा मांग करती है कि एबीसी, बीबीसी, सीएनएन, एमएसएनबीसी और अल जजीरा अपनी वेबसाइट से समाचार लेखों को तत्काल हटाएं. इसके अलावा, हम झूठी सूचना के प्रसार के कारण हिंदू समुदाय को हुई परेशानी के लिए उनसे सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का आह्वान करते हैं.' 


सही तथ्यों के साथ दोबारा प्रकाशित करने की मांग
विहिप अमेरिका ने कहा, 'हम इन समाचार मंचों से आग्रह करते हैं कि वे ऐतिहासिक संदर्भ और राम मंदिर के निर्माण का समर्थन करने वाले भारत की सुप्रीम कोर्ट के फैसले जैसे सभी प्रासंगिक तथ्यों को शामिल करने के बाद ही लेखों को दोबारा प्रकाशित करें.' संगठन ने यह भी कहा कि पक्षपातपूर्ण कवरेज के जरिए झूठी कहानियों के कारण न सिर्फ असामाजिक भावनाओं को बढ़ावा मिलता है, बल्कि शांतिप्रिय, मेहनती और योगदान देने वाले हिंदू अमेरिकी समुदाय के लिए भी खतरा पैदा होता है. संगठन ने कहा कि इस तरह का कार्य गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता के समान है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए.


कनाडा और ऑस्ट्रेलिया विहिप ने भी किया विरोध
इसी तरह के बयान विहिप कनाडा और विहिप ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी जारी किए गए. विहिप कनाडा ने कहा, ‘‘दुनिया भर में हिंदू समुदाय एक शांतिप्रिय, प्रगतिशील और समावेशी समुदाय है जो वसुधैव कुटुंबकम (यानी पूरी दुनिया एक परिवार है) के मूल्यों में विश्वास रखता है. इस तरह की भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत पत्रकारिता का उद्देश्य हिंदू कनाडाई समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाना है, जिससे देश में हिंदुओं के प्रति नफरत बढ़ने और शांतिपूर्ण कनाडाई समाज के भीतर अशांति पैदा होने का खतरा है.'


ऐसा ही बयान विहिप की आस्ट्रेलिया शाखा ने भी जारी किए. विहिप ऑस्ट्रेलिया ने कहा, 'हम पूछना चाहते हैं कि क्यों और किस आधार पर एबीसी, एसबीएस और 9न्यूज ने अवनि डायस, मेघना बाली और सोम पाटीदार जैसे हिंदू विरोधियों से पक्षपातपूर्ण प्रतिक्रिया ली और गलत तथ्य पेश किए. हम नहीं मानते कि इन तीनों संस्थानों को कोई ऐसा रिपोर्टर नहीं मिला होगा जो निष्पक्ष और तथ्यात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत कर सके.'


विहिप ऑस्ट्रेलिया ने एबीसी, एसबीएस और 9न्यूज से हिंदू समुदाय से माफी मांगते हुए अपनी वेबसाइट से समाचार लेखों को तुरंत हटाने की मांग की है. उसने यह भी कहा कि इन लेखों को तभी प्रकाशित करें जब इसमें सभी तथ्य और मंदिर निर्माण का समर्थन करने वाले लोगों के बयान भी शामिल हों.


यह भी पढ़ें:-
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर भड़का OIC, जानिए क्या कहा