बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ जनता का धरना प्रदर्शन शुक्रवार (1 अगस्त, 2025) को भी जारी है. देश की राजधानी ढाका में धरना प्रदर्शन की वजह से यातायात बुरी तरह बाधित है और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार सुबह से धरना प्रदर्शन शुरू हुआ था और प्रदर्शनकारी लगातार 'जुलाई लेकर टालमटोल नहीं चलेगा' और 'जुलाई चार्टर देना होगा' जैसे नारे लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि 'जुलाई चार्टर' को तुरंत लागू किया जाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
शाहबाग चौराहे पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के जमा होने के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया. एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, 'मैं सुबह आधिकारिक काम से जत्राबाड़ी गया था. फिर सोशल मीडिया से शाहबाग ब्लॉकेड की जानकारी मिली, तो मैं बस से बासाबो, कमलापुर और मालिबाग के रास्ते जाने लगा, लेकिन सड़कों पर हर जगह जाम था. करवान बाजार पहुंचने में ढाई घंटे लग गए, जो सामान्यत: सवा घंटे का सफर होता है.'
बांग्लादेश की राष्ट्रीय सहमति आयोग (NCC) की ओर से गुरुवार को संवाद के दूसरे दौर का समापन किया गया. इसमें सात सुधार प्रस्तावों पर अधिकांश राजनीतिक दलों ने सहमति जताई, जिसमें कार्यवाहक सरकार प्रमुख की नियुक्ति, उच्च सदन का गठन और राष्ट्रपति के चुनाव जैसे मुद्दे शामिल हैं. हालांकि, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और उसके सहयोगियों ने इनमें से छह प्रस्तावों पर आपत्ति जताई.
एनसीसी के उपाध्यक्ष अली रियाज ने संवाद के समापन के बाद कहा, 'हमारा लक्ष्य 31 जुलाई तक संवाद को पूरा करना था, जिसे हमने हासिल कर लिया है. अब हम जुलाई चार्टर का अंतिम मसौदा तैयार कर राजनीतिक दलों के साथ साझा करेंगे.
जमात-ए-इस्लामी, नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) और इस्लामी आंदोलन जैसे कई दलों ने 'जुलाई चार्टर' के मसौदे पर आपत्तियां जताई हैं. चार्टर के उस प्रावधान का खासतौर पर विरोध किया गया है जिसमें कहा गया है कि सरकार बनने के दो साल के भीतर सुधारों को लागू किया जाएगा. इन दलों की मांग है कि चार्टर को कानूनी रूप दिया जाए ताकि इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.