Protest All Around The World: इस वक्त दुनिया के कई देशों में सरकार और जनता के बीच तनातनी चल रही है. हर जगह सरकार के गलत नियम-कानून को लेकर संघर्ष चरम सीमा पर है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी सरकार का विरोध चल रहा. फ्रांस में सरकार के पेंशन रिफॉर्म को लेकर विवाद है. यहां तक कि इजरायल में भी लोग अपनी सरकार की नीतियों से परेशान होकर विरोध कर रहे हैं.
 
मुख्य रूप से मोहब्बत का शहर कहे जाने वाला पेरिस में तो विरोध प्रदर्शन बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो चुका है. पेरिस में जनता सड़कों पर कड़ा विरोध कर रही है. पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है.


पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब
पाकिस्तान का आर्थिक हालत कमजोर होने की वजह से देश की जनता का गुस्सा सरकार के खिलाफ देखने को मिल रहा है. देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है. यहां खाने-पीने के सामानों के दाम आसमान छू रहे है. हालात, इस कदर खराब है कि देश में आटा 150 से 200 रुपये किलो मिल रहा है. दूसरी और शहबाज शरीफ और इमरान खान के बीच भी तनातनी चल रही है. इसका असर देश पर भी बुरी तरह से असर पड़ रहा है.


पेरिस में भी सरकार और जनता के बीच आक्रोश
दुनिया के फैशन कैपिटल कही जाने वाली पेरिस में भी सरकार और जनता के बीच आक्रोश जारी है. फ्रांस में इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने एक नया पेंशन बिल लेकर आयी है. इस बिल के अनुसार सरकार रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाकर 64 साल करना चाहती है, जिसका लोग विरोध कर रहे है. वहीं सरकार विरोध प्रदर्शन का ठीकरा वामपंथी संगठनों पर फोड़ रही है. जनता में आक्रोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां खुलेआम पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दे जा रही है. पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद भी लोगों का गुस्सा थमता नजर नहीं आ रहा है. पेरिस शहर के कई इलाको में इसी तरह का हाल है.


प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारे भी लगा रही है
भारत के सबसे करीबों देशों में से एक इजरायल में भी नेतन्याहू सरकार और जनता के बीच प्रदर्शन चल रहा है. दरअसल सरकार नया कानून ला रही है. जिससे न्यायपालिका की शक्ति कमजोर होगी. विपक्षी दलों के नेतृत्व में जनता इसका विरोध कर रही हैं. शनिवार (25 मार्च) को भी हजारों लोग सड़कों पर उतर आए जिसके बाद तेल अवीव की सडकों पर गर्मागर्मी का माहौल बन गया. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार तक की. तेल अवीव की सड़कों पर प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारे भी लगा रही है. 
 
पिछले तीन महीने में 23 फीसदी विरोध प्रदर्शन
एक विदेशी रिसर्च के रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 से 400 एंटी गवर्नमेंट प्रोटेस्ट हुए हैं. इस दौरान लगभग 132 देशों में विरोध प्रदर्शन दर्ज हुए, जबकि पिछले मात्र 3 महीनों में 23 फीसदी प्रदर्शन पूरी दुनिया में हुए है. साल 2017 से जो भी विरोध प्रदर्शन हुए है, उनमें से 135 आर्थिक मुद्दों को लेकर किए गए है.


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