ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के पति, ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप का अंतिम संस्कार विंडसर कासल के सेंट जॉर्ज चैपल में हो गया. कोरोना वायरस प्रतिबंधों की वजह से अंतिम संस्कार में सिर्फ तीस लोग ही शामिल हो पाए. इस दौरान महारानी एलिजाबेथ एक कोने में अकेले उदास बैठी रहीं. प्रिंस फिलिप को सेंट जॉर्ज चैपल के रॉयल वॉल्ट में दफनाया गया हैं. इस वॉल्ट में शाही परिवार के सदस्यों को ही दफनाया जाता है. प्रिंस फिलिप से पहले यहां शाही परिवार के 24 अन्य सदस्यों को भी दफनाया जा चुका है. इनमें King George III, King George IV और  King William IV शामिल हैं. 


प्रिंस फिलिप की शवयात्रा के दौरान उनके बच्चे और शाही परिवार के अन्य सदस्य उनकी शवगाड़ी के पीछे-पीछे चले. महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप का साथ 73 वर्ष का था. कोविड-19 के चलते अंतिम संस्कार में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह पालन किया गया और महारानी एलिजाबेथ पूरे समय सबसे अलग बैठी रही. शाही परिवार के अन्य सदस्य अपने अपने परिवार के साथ अलग-अलग बैठे रहे. 


केंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने सबसे पहले सेंट जॉर्ज चैपल में प्रवेश किया. इसके बाद प्रिंस फिलिप के कॉफिन के साथ उनके परिवार के सदस्य चैपल में आए. इस दौरान ब्रिटेन के लोगों ने एक मिनट का मौन रखकर प्रिंस फिलिप को अपना सम्मान दिया. 


शवयात्रा में इस्तेमाल कार को खुद किया था डिजाइन


प्रिंस फिलिप के शव को एक खासतौर से तैयार की गई लैंड रोवर कार में रखा गया था. अपनी मृत्यु से पहले उन्होंने स्वयं इस कार को डिजाइन करने में मदद की थी. प्रिंस फिलिप ने गुजारिश की थी कि उनकी शवयात्रा के लिए इस कार को सेना के हरे रंग में पोता जाए. उन्होंने अपने अंतिम संस्कार के दौरान इस्तेमाल होने वाले रीगेलिया (शाही निशान) को भी स्वयं चुना था. इसमें रखे जाने वाले पदक, सजावट और प्रतीक भी उन्होंने पहले से ही तय किए थे. 


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