कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के दौरान बेहतर नतीजे आने के बाद जर्मनी की दवा निर्माता कंपनी बायोटेक के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर शुक्रवार को कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए इमरजेंसी अप्रुवल मांगने जा रही है. कोरोना के प्रसार रोकथाम के लिए वैक्सीन का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में अगर इसे रेगुलेटरी अप्रुवल मिल जाती है तो यह कोरोना महामारी की रोकथाम दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

वैक्सीन के बारे में ऐसा माना जा रहा है कि अगर इसे आपातकालीन मंजूरी मिल जाती है तो अमेरिका में दिसंबर के मध्य या आखिर तक उपलब्ध हो जाएगी. वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रुवल में कुछ हफ्ते लग सकते हैं क्योंकि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के वैज्ञानिकों की तरफ से इसके डेटा को देखा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है.

एजेंसी तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद सबसे पहले हाई रिस्क वाले सीमित लोगों को इस वैक्सीन की खुराक दी जाएगी. सरकारी अधिकारियों की तरफ से इस बात की यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर तक 2 करोड़ लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी. इसके लिए दवा उत्पादक कंपनी मॉडर्ना को भी इमरजेंसी अप्रुवल दी जा सकती है.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी से दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका है. इसके बाद दूसरे नंबर पर भारत है और तीसरे नंबर पर ब्राजील है.