इस वक्त पूरी दुनिया की आबादी 800 करोड़ के पार है. वर्ल्डोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी इस्लाम और ईसाई धर्म मानने वालों की है, लेकिन हाल ही में आई Pew Research Center Report 2025 ने धार्मिक रुझानों पर बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 55 वर्ष से कम आयु के हर 10 में से 1 वयस्क ने उस धर्म का त्याग कर दिया है, जो वह बचपन से निभाते आ रहे थे. यह धार्मिक परिदृश्य में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है.
धर्म का त्याग करने वाले की सूची में ईसाई धर्म में सबसे आगे हैं. इसमें ज्यादा गिरावट देखी गई है. Pew Research Center Report 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक 100 ईसाइयों में से 17.1 लोगों ने धर्म छोड़ा और केवल 5.5% लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया है. इस तरह से देखा जाए तो कुल मिलाकर 11.6% का शुद्ध नुकसान (Net Loss) हुआ. इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर ईसाई धर्म को धर्म परिवर्तन से सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.
बौद्ध धर्म छोड़ने और अपनाने दोनों में ऊंचे आकड़ेदुनिया में मौजूद बौद्ध धर्म के बारे में बात करें तो 100 बौद्धों में से 22.1% ने धर्म छोड़ा दिया, जो सभी धर्मों में सबसे अधिक. वहीं 12.3% लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया. इस तरह से नेट लॉस 9.8% रहा. बौद्ध धर्म की Retention Rate (अवधारण दर) केवल 78% है, जो इसे अनुयायियों को बनाए रखने में सबसे कमजोर बनाता है.
Nones लोग का सबसे बड़ा लाभधर्म से असंबद्ध लोग (जिन्हें अंग्रेज़ी में Nones कहा जाता है) इस समय सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज कर रहे हैं. 100 में से 24.2% लोगों ने धर्म छोड़ा और असंबद्ध बने.केवल 7.5% लोगों ने असंबद्धता छोड़ी और किसी धर्म में शामिल हुए. इसमें कुल 16.7% का इजाफा हुआ है. यह स्पष्ट करता है कि आज की पीढ़ी में आस्था से दूरी और धार्मिक स्वतंत्रता को अपनाने का रुझान तेजी से बढ़ रहा है.
मुस्लिम और हिंदू धर्म में स्थिरता दुनिया में जहां कई धर्म के लोग अपने मूल धर्म का त्याग कर रहे हैं, वहीं इस्लाम और हिंदू धर्म में धर्म परिवर्तन की दर बहुत कम है. धर्म छोड़ने और अपनाने वालों की संख्या लगभग बराबर है. इस स्थिरता के पीछे सामाजिक-सांस्कृतिक मजबूती और पारिवारिक प्रतिबद्धता मुख्य कारण मानी जा रही है. प्यू रिसर्च रिपोर्ट ने धर्म परिवर्तन पर UN Human Development Index (HDI) के बीच सीधा संबंध बताया. HDI 0.8 या उससे अधिक वाले देश (जैसे अमेरिका, कनाडा, यूरोप) में 18% वयस्कों ने अपने बचपन का धर्म छोड़ा. HDI 0.55 से कम वाले देश (जैसे अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्से) में केवल 3% लोगों ने धर्म छोड़ा. इस आंकड़ों से पता चलता है कि जहां शिक्षा, आय और स्वतंत्रता जितनी अधिक होगी वहां धर्म परिवर्तन और असंबद्धता की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.
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