US Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाया, जिसकी वह पहले से चेतावनी दे रहे थे. उन्होंने दुनियाभर के कई देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, पर नए टैक्स (टैरिफ) लगाने की घोषणा कर दी. ट्रंप के इस फैसले से व्यापार युद्ध छिड़ने की आशंका बढ़ गई है. 

व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में बोलते हुए ट्रंप ने बुधवार को कहा कि यह अमेरिका के लिए स्वतंत्रता की घोषणा है. उन्होंने बताया कि अब न्यूनतम 10 प्रतिशत का नया टैक्स लगाया जाएगा. ट्रंप ने अपने नए टैक्स (टैरिफ) का ऐलान करते हुए दोस्तों और दुश्मनों, सभी देशों को इसमें शामिल कर लिया. इस फैसले से अमेरिका के व्यापारिक साझेदार नाराज हो गए और उन्होंने जवाब देने की बात कही.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने जताई नाराजगी

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई दोस्त नहीं करता. खासकर ऑस्ट्रेलिया से बीफ आयात पर लगाए गए सख्त नियमों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि इस गलत फैसले की भारी कीमत अमेरिकी लोगों को चुकानी पड़ेगी.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि ट्रंप के इस टैरिफ का सबसे बड़ा नुकसान खुद अमेरिकी लोगों को होगा. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी सरकार बदले में नए टैक्स नहीं लगाएगी, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ेगी और आर्थिक विकास धीमा हो जाएगा.

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कही ये बात

वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला वैश्विक व्यापार प्रणाली को पूरी तरह बदल सकता है. कार्नी ने इसके जवाब में जरूरी कदम उठाने की बात कही.

ब्रिटेन, जर्मनी और आयरलैंड ने की पलटवार की तैयारी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने ट्रंप के नए टैरिफ पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि व्यापार युद्ध किसी के फायदे में नहीं है. संसद में बोलते हुए उन्होंने बताया कि उनकी सरकार हर परिस्थिति के लिए तैयार है और कोई भी विकल्प खारिज नहीं किया जाएगा.

जर्मनी ने चेतावनी दी कि व्यापार युद्ध से दोनों पक्षों को नुकसान होगा. वहीं, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा कि उनका देश अपनी कंपनियों और कर्मचारियों की सुरक्षा करेगा और एक खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था का समर्थन करता रहेगा. आयरलैंड के व्यापार मंत्री ने कहा कि उनका देश और यूरोपीय संघ अमेरिका के साथ बातचीत के जरिए इस समस्या का हल निकालने के लिए तैयार हैं.

 इटली, फ्रांस और ब्राजील ने भी जारी किया बयान

ट्रंप की करीबी मानी जाने वाली इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने व्यापार युद्ध रोकने के लिए ट्रंप के साथ मिलकर काम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अमेरिका के साथ किसी समझौते पर पहुंचने के लिए पूरी कोशिश करेगी, ताकि व्यापार युद्ध से बचा जा सके. उनका मानना है कि ऐसा युद्ध पश्चिमी देशों को कमजोर करेगा और अन्य वैश्विक शक्तियों को फायदा पहुंचाएगा.

वहीं, फ्रांस सरकार की प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय संघ ट्रंप के नए टैरिफ का जवाब अप्रैल के अंत तक देगा. इस बीच लैटिन अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ब्राजील ने ट्रंप द्वारा लगाए गए 10 प्रतिशत टैरिफ का जवाब देने के लिए बुधवार को एक नया कानून मंजूर कर लिया. हालांकि, ब्राजील के राष्ट्रपति की ओर से तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. लेकिन पिछले हफ्ते राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने कहा था कि उनका देश इस टैरिफ के सामने चुप नहीं बैठ सकता.