जॉर्डन के बाद अब ओमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत देखकर पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है. मुस्लिम देशों में उन्हें जिस तरह से वेलकम किया गया, वो पाकिस्तानियों को परेशान कर रहा है. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ओमान के अंदर जो हिस्टोरिक वेलकम मिला है. मुस्लिम दुनिया और पाकिस्तान के अंदर इन चीजों को अलग नजरिए से देखा जाता है क्योंकि पाकिस्तान ने हमेशा चाहा है कि मुसलमान दुनिया भारत को कश्मीर के लेंस से देखे. 

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पाक एक्सपर्ट का कहना है कि ओमान में पीएम मोदी की जो खातिरदारी की जा रही है, उसकी वजह ये है कि दोनों मुल्कों के एक-दूसरे साथ इंटरेस्ट हैं. उन्होंने कहा, 'सवाल ये है कि भारत और ओमान के क्या स्ट्रेटिजिक इंटरेस्ट हैं, जिसकी वजह से सारे ऑपटिक्स बदल रहे हैं. भारत के ओमान में जो इंटरेस्ट हैं, वो सिक्योरिटी से जुड़े हैं. एक तो मैरिटाइम पर केंद्रित हैं और ओमान गल्फ रीजन और वेस्टर्न इंडियन ओशन के अंदर भारत का महत्वपूर्ण पार्टनर है. भारत के 40 प्रतिशत तेल का इंपोर्ट स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के जरिए जाता है. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के एग्जिट और एंट्री पॉइंट के ऊपर हैं.'

उन्होंने बताया कि ओमान के साथ कोर्पोरेशन का भारत को क्या फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में कोई दिक्कत होती है तो भारत और ओमान की नौसेन एकदूसरे की मदद कर सकते हैं और साथ ही ऐसी किसी भी स्थिति में ओमान पहले ही भारत को आगाह कर सकता है. मैरिटाइम अवेयरनेस भारत के अंदर कर सकता है. तो ओमान गेटकीपर है. 

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उन्होंने कहा कि दूसरी जो समझने वाली चीज है, ओमान की दूकम पोर्ट भारत के लिए सबसे अहम स्ट्रेटेजिक एसेट है. इंडियन नेवी की ओमान में जो लॉजिस्टिक ऐक्सेस है, वो भी एक महत्वपूर्ण चीज है. जब इंडिया को स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के चोक पॉइटंस को वनरेबली गल्फ को बायपास करना हो तो दुकम इंपोर्टेंट है. कमर चीमा ने कहा कि इंडिया की रेड सी, अफ्रीका और अरेबियन सी में जो एक्सेस है. पाकिस्तान इस सबको देखकर परेशान है. जॉइंट पेट्रोल्स दोनों मुल्क करते हैं और एंटी पायरेसी भी है.

ओमान को लेकर कमर चीमा ने कहा कि ओमान ये भी सोचता है कि वो आतंकवाद और स्मगलिंग को टारगेट करने के लिए एक बड़े प्लेयर के साथ जुड़ रहा है. भारत ओमान का इस्तेमाल करता है कि वो इंडियन ओशियन में नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर है. 

पाक एक्सपर्ट ने यह भी कहा कि मुस्लिम देशों के गल्फ कॉर्पोरेशन काउंसिल (GCC) में ओमान न्यूट्रल प्लेयर है और वो इजराइल के भी क्लोज है. उन्होंने कहा कि भारत ने उन देशों में अपने कदम बढ़ाए, जहां इजरायल मौजूद है. भारत ने अपने फुटप्रिंट्स मिडिल ईस्ट में डाले तो देखा कि पूरा सपोर्ट कहां से है. तो उन्होंने देखा कि इजरायल है. जहां-जहां इजरायल की पहुंच होती गई, वहां-वहां भारत जाता गया. उन्होंने कहा कि यूएई को देख लो, ओमान को देख लो. ओमान ऐसा प्लेयर, जिसने जीसीसी में अपनी पॉजिशन न्यूट्रल रखी हुई है. 

उन्होंने कहा कि इजरायल एक पिलर है. जीसीसी में यूएई और ओमान के करीब है. ओमान की न्यूट्रेलिटी और यूएई की बोल्डनेस और उसकी साउथ एशिया और मिडिल ईस्ट में जो स्ट्रेटेजिक क्लेरिटी है कि वो क्या चाहता है, वो उसके साथ है. इस वजह से इंडिया भाग-भाग कर यूएई जाता है.

 

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