पाकिस्तान में इन दिनों राजनीतिक हलचल तेज है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लंबे वक्त से जेल में बंद हैं और उनसे इन दिनों किसी मुलाकात भी नहीं हो पाई है. यही वजह है कि इमरान के मौत की अफवाह भी उड़ गई. इस बीच संयुक्त राष्ट्र की ओर से पाकिस्तान को बुरी तरह से लताड़ा गया है. पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर का रवैया तानाशाही वाला होता जा रहा है. हालांकि यूएन की प्रतिक्रिया का अहम कारण पाक का 27वां संवैधानिक संशोधन है. इस पर पाकिस्तान ने सफाई भी पेश की है.

Continues below advertisement

दरअसल 27वें संवैधानिक संशोधन के जरिए पाकिस्तान की संसद ने आसिम मुनीर को एक ऐसी कानूनी ताकत दे दी है, जिससे कोई भी अदालत उस पर सवाल नहीं उठा सकती. इस फैसले की वजह से पाकिस्तान में बगावत जैसे हालात हैं. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी आपत्ति जताई है. यूएन मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने चेतावनी दी है कि यह न्याय व्यवस्था को कार्यपालिका के नियंत्रण में कर सकता है. यूएन ने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताया.

सफाई में क्या बोला पाकिस्तान

Continues below advertisement

'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय टर्क के बयान के बाद बौखला गया है. हालांकि उसने सफाई भी पेश की है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ''यह बिना वजह की चिंता है. यह मामला पूरी तरह से पाकिस्तान की संसद के अधिकार क्षेत्र में है. लोकतंत्र की तरह कानून और संविधान में बदलाव निर्वाचित प्रतिनिधियों का अधिकार है.''

27वें संशोधन को लेकर क्यों हो रहा विवाद

पाकिस्तान ने इस संशोधन के जरिए नए फेडरल कॉन्सटीट्यूशन कोर्ट का गठन किया है, जो संविधान से जुड़े मामलों पर आखिरी फैसला देगा. अहम बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट को अब सिर्फ सिविल और क्राइम से जुड़े मामलों तक ही सीमित कर दिया गया है. इसके साथ ही सबसे बड़ा विवाद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज के नए पद को लेकर है. इसका पहला कार्यभार मुनीर को मिला है.