पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने भारत से सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत की पेशकश की, कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत की आलोचना की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए भारतीय विमानों के नुकसान का दावा किया. 

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भारत के साथ वार्ता का प्रस्तावशरीफ ने कहा कि पाकिस्तान विवादों के समाधान के लिए 'बातचीत और कूटनीति' पर भरोसा करता है. उन्होंने कहा, 'यह मेरा सबसे ईमानदार और गंभीर प्रस्ताव है कि पाकिस्तान भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर समग्र, व्यापक और नतीजा देने वाली बातचीत करने के लिए तैयार है.' उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया 2003 में जनरल परवेज मुशर्रफ के समय शुरू हुई थी, लेकिन 2008 के मुंबई हमलों के बाद रुक गई और दोबारा शुरू नहीं हो पाई.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत पर आरोपअपने संबोधन में शरीफ ने मई में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया. उन्होंने दावा किया कि इस चार दिन के संघर्ष में भारत के सात विमान क्षतिग्रस्त हुए. जबकि भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह पहले ही कह चुके हैं कि इस अभियान में भारत ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया था.

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यह अभियान 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था.

ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की अपीलशरीफ ने अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनके 'शांति प्रयासों ने दक्षिण एशिया में युद्ध को रोकने में मदद की.' उन्होंने कहा, 'शांति को बढ़ावा देने में राष्ट्रपति ट्रंप के अद्भुत योगदान के सम्मान में पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है.'

भारत ने हमेशा कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का समझौता दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधे संवाद के जरिए हुआ था.

सिंधु जल संधि और कश्मीर का मुद्दाशरीफ ने भारत द्वारा पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे लिए सिंधु संधि का कोई भी उल्लंघन युद्ध की कार्रवाई है.' उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा है और 'संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जनमत संग्रह के जरिए उन्हें आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए.'

गाजा संकट पर टिप्पणीशरीफ ने गाजा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों की दुर्दशा हमारे समय की 'सबसे हृदयविदारक त्रासदियों' में से एक है.