क्रिकेट के मैदान में अपनी स्विंग गेंदबाजी और आक्रमक बल्लेबाजी से विरोधी टीम के पसीने छुड़ाने वाले इमरान खान सियासत की पिच पर विपक्ष की गुगली में फंसते नजर आ रहे हैं. सेना के रूप में ग्राउंडी रूपी अंपायर भी लगभग उन्हें आउट दे चुके हैं, लेकिन इमरान खान थर्ड अंपायर यानी अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग फैसले तक सियासी पिच छोड़ने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने फिर कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव से पहले किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं दूंगा. साथ ही वोटिंग से पहले कई पत्ते खोलूंगा.


इमरान ने तख्तापलट की अटकलों पर लगाया विराम


बता दें कि इमरान खान के खिलाफ 25 से 28 मार्च के बीच नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है. विपक्ष दावा कर रहा है कि सरकार अल्पमत में आ चुकी है और इमरान खान के पास कुर्सी छोड़ने के अलावा अब कोई और विकल्प नहीं बचा है. वहीं खुद कप्तान इमरान खान इससे इत्तेफाक नहीं रहते, वह जीत का दम भर रहे हैं. इमरान खान ने मीडिया से बातचीत में तख्तापलट की अटकलों पर भी विराम लगाते हुए कहा है कि, सेना से मेरे अच्छे रिश्ते हैं.


बिलावल भुट्टो ने इमरान खान को घेरा


वहीं इमरान के दावों से अलग विपक्षी दलों ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं. मलकंद में पीपीपी की एक रैली में बिलावल भुट्टो ने इमरान को चूहा तक कह दिया. रिपोर्ट के मुताबिक बिलावल ने ये भी कहा कि, 'इमरान खान को पता है कि वो सिर्फ गुंडागर्दी के सहारे जीत सकते हैं, लेकिन अब वो नहीं चलेगी. कोई उनसे हाथ मिलाने को तैयार नहीं है. लोगों को ऐसे शख्स को पीएम पद से हटाना ही होगा.'


मरियम नवाज भी लगातार कर रहीं हमले


पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज भी इमरान खान पर लगातार हमले कर रहीं हैं. उन्होंने 2 दिन पहले ही इमरान खान को निशाने पर लेते हुए कहा था कि, 'इमरान खान का गेम ओवर हो चुका है. अगर इमरान में जरा भी शर्म बची है तो उन्हें कुर्सी छोड़नी होगी. अब इमरान के हिसाब देने का वक्त है, उन्हें बचाने अब कोई नहीं आएगा'. वह यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि, 'जिस नवाज शरीफ को आपने कहा कि उसकी सियासत खत्म हो गई, उसी नवाज शरीफ ने आपको घर में घुसकर मारा है. आप कहते हैं कि इंटरनेशनल साजिश हुई है, आप खुद ही इसके लिए काफी हैं. आपकी नालायकी और नासमझी की वजह से सभी मुल्कों को आपने नाराज कर दिया है''.


विपक्ष से ज्यादा अपने बढ़ा रहे हैं मुसीबत


इमरान खान की मुसीबत सिर्फ विपक्षी दल ही नहीं, बल्कि अपने भी बढ़ा रहे हैं. एक तरफ जहां उनके कई सहयोगी साथ छोड़ चुके हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के सांसद भी बागी होते जा रहे हैं. 2 दिन पहले तक उनकी पार्टी के बागी सांसदों की संख्या 30 थी, लेकिन अब यह बढ़कर 51 हो गई है. इन 51 सांसदों में 10 मंत्री भी शामिल हैं.


क्या है कुर्सी बचाने का गणित


पाकिस्तान में 25 मार्च से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया  गया है. नियमों के मुताबिक सदन में प्रस्ताव पेश होने के तीन दिन बाद यानी 28 मार्च को मतदान होगा. इमरान सरकार को हटाने के लिए 342 सदस्‍यों वाली नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत होगी, लेकिन विपक्ष 200 से भी ज्यादा सांसदों के समर्थन का दावा कर रहा है.


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