पाकिस्तान की सत्ता में हमेशा से सेना का दखल इतना ज्यादा रहा है कि वहां का जनरल जब चाहे देश में तख्तापलट कर शीर्ष पद पर काबिज हो जाता है. इस बार पाकिस्तानी सेना को ये सब किए बिना ही टॉप पॉजिशन दे दी गई. आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने गुरुवार (27 नवंबर 2025) को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स (CDF) का पद संभाला है और यही कारण है कि पाकिस्तान में इमरान खान की मौत को लेकर बढ़ रही अटकलों के बावजूद कोई आसिम मुनीर से सवाल करने की हिम्मत नहीं जुटा रहा है. यहां तक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी मुनीर के आगे नतमस्तक नजर आ रहे हैं.
पाकिस्तान में ताक पर कानून व्यवस्था
पाकिस्तान में कई दिनों से अफवाहें उड़ रही हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रावलपिंडी की आडियाल जेल में प्रताड़ित किया गया है, गंभीर रूप से घायल किया गया है या यहां तक कि उनकी हत्या भी कर दी गई है. कोर्ट के आदेश के बावजूद इमरान खान को सार्वजनिक रूप से पेश नहीं किया गया और न ही परिवार या वकीलों से मिलने की अनुमति दी गई. जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है, जिस वजह से लोगों में इमरान खान की हत्या को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है.
देशव्यापी प्रदर्शन करेगी इमरान खान की पार्टी
जेल की सुरक्षा को देखते हुए वहां 2,500 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. पुलिस और अर्धसैनिक बल पूरी तरह से दंगा-रोधी उपकरणों से लैस हैं. लाहौर की कोट लखपत जेल और क्वेटा के पास सेंट्रल जेल के लिए भी इसी तरह के अलर्ट जारी किए गए हैं. यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब इमरान खान की पार्टी पीटीआई आडियाल जेल और इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रही है. अब पूरे पाकिस्तान में इस सवाल ने जोर पकड़ लिया है कि इमरान खान कहां हैं?
मुनीर के हाथों में अब पाकिस्तान का कंट्रोल
एक सामान्य संवैधानिक व्यवस्था वाले देश में हिरासत में रहने वाले किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री को कोई नुकसान पहुंचता है तो तुरंत जांच शुरू हो जाती है, लेकिन पाकिस्तान के संदर्भ में ये उल्टा है. यहां सत्ता की चाभी फील्ड मार्शल से नए-नए सीडीएफ बने सैयद आसिम मुनीर के हाथों में है, जिसकी पावर को संविधान में संशोधन कर बढ़ाया गया है. इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की उच्च रक्षा व्यवस्था का पूर्ण पुनर्गठन है.
इसके तहत अब आसिम मुनीर अगले पांच साल के लिए तीनों सेनाओं यानी आर्मी, एयर फोर्स और नेवी के हेड हैं. इसके अलावा मुनीर को न्यूक्लियर वेपन सिस्टम का प्रभारी बना दिया गया है. तीनों सेनाओं का ओवरऑल कंट्रोल भी राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल से हटाकर सीडीएफ को सौंप दिया गया है. अगर इमरान खान को लेकर फैल रही अफवाहें सच साबित होती है या उनकी हत्या हो जाती है तो ये सबसे बड़ा सवाल होगा कि आखिर सुरक्षा तंत्र पर किसका नियंत्रण है.
PAK में मुनीर का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता
ये भी सवाल उठेगा कि इतने दिन से इमरान खान को जेल में रखने से किसे फायदा हुआ. 27वें संशोधन को इस तरह से तैयार किया गया है कि पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय विपक्षी नेता को हिरासत में लेने जैसा राजनीतिक झटका भी उस व्यक्ति (आसिम मुनीर) को हिला नहीं पाएगा, जो अब देश की सुरक्षा व्यवस्था के शीर्ष पर बैठा है. अब राष्ट्रपति की तरह मुनीर को भी किसी भी कानूनी मुकदमे से आजीवन छूट है.