पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के खिलाफ पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान में मचे सियासी बवाल के बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख और पूर्व पीएम इमरान खान के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. नवाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान अकेला मुजरिम नहीं था, उसे यहां तक लेकर आने वाले उससे बड़े मुजरिम थे.

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इमरान खान के खिलाफ क्या बोले नवाज शरीफ?

दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यह बयान बुधवार (26 नवंबर, 2025) को दी. नवाज शरीफ बुधवार को पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री और अपनी बेटी मरियम नवाज के साथ अपने समर्थकों के बीच मीडिया को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान नवाज शरीफ ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर जमकर निशाना साधा.

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पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ ने कहा, ‘मैं ये समझता हूं कि इमरान खान अकेला मुजरिम नहीं था. उसे यहां तक लेकर आने वाले उससे भी ज्यादा बड़े मुजरिम थे और उनसे भी इसके लिए पूरा-पूरा हिसाब लेना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘उनके सभी बयान लोगों के सामने आ रहे हैं. वो सभी को चोर, डाकू कहा करते थे, लडाई-झगड़े, फितना-फसाद किया करते थे, लोगों के गिरेबानों को पकड़ते थे. वे कहते थे कि जला दो, मार दो, पकड़ लो  लेकिन अब पूरी सच्चाई कौम के सामने आ गई है.’

मरियम नवाज ने इमरान खान के शासन पर साधा निशाना

वहीं, इस दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने भी पीटीआई और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के शासन काल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का चार साल का शासन सबसे खराब शासन के तौर पर याद रखा जाएगा. उन्होंने कहा, ‘वे कहते थे कि अब देश में परफॉमेंस की सियायत नहीं रही, सिर्फ बयानबाजी की सियासत रह गई है. तो बयानबाजी की सियायत इस बार पीट गई है और उन चार सालों में जिस तरह से सियासत को दागदार किया गया, जिस तरह से सियासत को निजी दुश्मनी बना दी गई, उसके गहरे असर हुए हमारे सियासत पर, हमारे समाज पर और इससे बाहर आते-आते भी हमारे समाज को बहुत समय लगेगा. मरियम नवाज ने कहा, ‘वे जो खुद अपने चार साल की सत्ता में कर चुके हैं, अगर आज वे इस पर शिकवा करते हैं तो उसकी कोई अहमियत नहीं है और न ही कोई उसे सुनने वाला है.’

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