Pakistan Military Weapon: भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकतों में से एक है. भारत के पास अग्नि रेंज की मिसाइलें, राफेल और मिराज-2000 जैसे फाइटर जेट और S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जो उसे न केवल क्षेत्रीय बल्कि ग्लोबल लेवल पर भारत को शक्तिशाली सैन्य राष्ट्र बनाती हैं.  हालांकि, इन सब के बावजूद पाकिस्तान भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है. इसकी वजह है पाकिस्तान जल्द ही चीन से शेनयांग FC-31 जायरोफाल्कन स्टेल्थ फाइटर जेट लेने जा रहा है, जिसे PL-17 मिसाइलों से लैस किया जाएगा. चीन FC-31 जायरोफाल्कन स्टेल्थ फाइटर जेटभारत के राफेल से भी खतरनाक है, क्योंकि ये 5th जेनरेशन की है. वहीं राफेल 4.5 जेनरेशन का है.

FC-31 चीन की कंपनी शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन बना रहा है. ये एक 5th जेनरेशन का स्टेल्थ फाइटर जेट है. यह फाइटर अमेरिका के F-35 और चीन के J-20 के मुकाबले के लिए विकसित किया गया है. इसकी डिजाइन और हथियार प्रणाली इसे आधुनिक युद्ध के लिए बेहद घातक बनाती है. RCS (Radar Cross-Section) को कम करने के लिए इसमें S-शेप इनलेट्स, इंटरनल वेपन बे और एंगल्ड फिन्स का इस्तेमाल किया गया है. इस डिजाइन की मदद से जेट दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आता और Surprise Attack करने में सक्षम होता है.

पाकिस्तान की ओर रुखपाकिस्तान पहले ही FC-31 (J-35 का एक्सपोर्ट वर्जन) की खरीद प्रक्रिया में है.चीनी ट्रेनिंग, हथियार सप्लाई और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के साथ पाकिस्तान इस जेट को जल्द ऑपरेशनल बना सकता है. J-35A या FC-31 के आने से पाकिस्तान की PAF को एक stealth strike capability मिल जाएगी. चीन अपने स्टेल्थ फाइटर को अफ्रीका, मध्य एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में भी बेच सकता है इससे उसका प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा और अमेरिका-भारत-जापान जैसे देशों के इंडो-पैसिफिक रणनीतिक गठजोड़ पर दबाव बढ़ेगा.

राफेल और FC-31 फाइटर जेटराफेल की ताकत का एक बड़ा हिस्सा इसके हथियारों में छिपा है. इनमें सबसे प्रमुख है हैमर मिसाइल, जिसे फ्रांस से भारत ने 2020 में खरीदा था. यह मिसाइल हवा से जमीन पर मार करने वाली एक गाइडेड मिसाइल है. इसकी रेंज 20 से 70 किलोमीटर तक है, जो इसकी लॉन्च स्थिति और टारगेट के अनुसार बदलती है. FC-31 की बात करें तो इसकी स्पीड   1.8 मैक यानी लगभग 2200 किमी/घंटा. रेंज 1200 किमी है, जबिक एयर रिफ्यूलिंग के बाद 1900 किमी तक. इसमें WS-19 इंजन है, 12 टन थ्रस्ट का पावर जेनरेट करता है. इसका वजन अधिकतम 28,000 किलोग्राम है. इसमें AESA रडार है, जो  आधुनिक तकनीक से लैस और दुश्मन के रडार को धोखा दे सकता है.

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