Khawaja Asif Attack Imran Khan: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ गुस्से से लाल, बोले- हमारी सेना का खून बह रहा, हर दिन लौट रहे ताबूत
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगान शरणार्थियों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि वे अपने घर लौटें. उन्होंने इमरान खान और पीटीआई पर तालिबान समर्थक नीतियों का आरोप लगाया.

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अफगान-विरोधी पोस्ट लिखा है, जिसमें आरोप लगाया है कि इमरान खान हजारों तालिबानियों को पाकिस्तान लाकर बसा रहे हैं. उन्होंने देश में बढ़ती आतंकी घटनाओं के लिए तालिबान और इमरान खान की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. अपने पोस्ट में आसिफ ने आगे लिखा कि आज भी पीटीआई आतंकवादियों से बातचीत की बात करती है. इनकी वजह से सालों से हमारी सेना और लोगों का खून बहा है. उन्होंने कहा कि अफगान सरकार के साथ सालों से जारी बातचीत और प्रतिनिधिमंडल यात्राओं के बावजूद पाकिस्तान में हिंसा थमी नहीं है और हर दिन सैनिकों के ताबूत देश में लौट रहे हैं.
ख्वाजा आसिफ के मुताबिक पाकिस्तान सरकार 60 लाख अफगान शरणार्थियों के 60 सालों के आतिथ्य का खर्च अपने खून से चुका रही है. ये कैसे मेहमान हैं, जो अपने मेजबानों का खून बहाते हैं और हत्यारों को पनाह देते हैं? बता दें कि आसिफ का यह बयान पाकिस्तान के भीतर अफगान शरणार्थियों के भविष्य पर चल रही बहस को और तेज कर सकता है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में पाक सरकार ने अवैध प्रवासियों को देश छोड़ने की चेतावनी दी है.
तालिबान और पीटीआई पर निशाना
ख्वाजा आसिफ ने अपने बयान में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पर सीधे हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि पीटीआई नेतृत्व तालिबान समर्थक नीतियों को आगे बढ़ा रहा है, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. आसिफ ने कहा कि इमरान खान के शासनकाल में तालिबान के प्रति नरमी और सीमावर्ती नीति की ढिलाई के कारण TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) जैसे आतंकी संगठनों को दोबारा ताकत मिली. उनका कहना है कि यह वही नीति है, जिसके चलते आज पाकिस्तान के सैनिक और आम नागरिक दोनों आतंकवाद की कीमत चुका रहे हैं.
अफ़ग़ानिस्तान से संबंधों पर असर
आसिफ का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं. इस्लामाबाद बार-बार काबुल में तालिबान सरकार पर आरोप लगाता रहा है कि वह पाकिस्तान में हमले करने वाले टीटीपी आतंकियों को शरण दे रही है. वहीं, काबुल का दावा है कि पाकिस्तान को अपने भीतर की समस्याओं के लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. इस बयानबाजी से दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा और व्यापार संबंधों पर भी असर पड़ सकता है.
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Source: IOCL
























