इस्लामाबाद. पाकिस्तान ने कोरोना के नए मामलों के चलते चौथी लहर की आशंका तेज हो गई है. स्थिति को बेकाबू होते देख अब इमरान खान सरकार की तरफ से स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए सड़कों पर पुलिस के साथ सेना को तैयार करने पर विचार किया जा रहा है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार सोमवार को कहा कि कोविड-19 मामलों में ताजा वृद्धि से निपटने को लेकर मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के कार्यान्वयन के लिये सेना को बुलाया जा सकता है.


स्वास्थ्य मामलों के विशेष सहायक डॉ फैसल सुल्तान ने संवाददाताओं से कहा कि गैर-फार्मास्युटिकल प्रक्रियाओं का अनुपालन सुनिश्चित करके संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हम इसके लिए सेना की मदद सहित जरूरत के मुताबिक सभी प्रशासनिक मदद लेंगे.'


यह दूसरी बार होगा जब एसओपी को लागू करने में नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना को बुलाया जाएगा. सेना को तीसरी लहर के दौरान भी बुलाया गया था जो अप्रैल में चरम पर थी. पुलिस के साथ सेना के जवानों के सड़कों पर उतरने से अनुपालन काफी बेहतर हुआ था. सुल्तान ने कहा कि मामलों में मौजूदा तेज वृद्धि से निपटने के लिए मास्क पहनना और बड़ी भीड़ लगाने से बचना महत्वपूर्ण है.


उन्होंने कहा कि आगामी ईद की छुट्टियों में पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए बाहर जाने वाले पर्यटकों के लिए टीकाकरण अनिवार्य है. इस बीच, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने 1 हजार 808 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 9 लाख 75 हजार 92 हो गई. इसके अलावा 15 और रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 22 हजार 597 हो गई है.


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