Balochistan Earthquake: पाकिस्तान के बलूचिस्तान के खुजदार जिले में 3.3 तीव्रता का भूकंप आया है. नेशनल सिस्मिक मॉनिटरिंग सेंटर (NSMC) के अनुसार, भूकंप की गहराई 8 किलोमीटर दर्ज की गई. जियो न्यूज के हवाले से बताया गया कि भूकंप का केंद्र खुजदार से करीब 70 किलोमीटर पश्चिम में स्थित था.

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भूकंप के बाद संबंधित अधिकारियों ने स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है. प्रशासन का कहना है कि जिन इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, वहां से अब तक किसी तरह की गंभीर या चिंताजनक सूचना नहीं मिली है.

दिसंबर में पहले भी महसूस किए गए थे झटके

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इससे पहले 3 दिसंबर को भी खुजदार और सिबी जिलों में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दिन खुजदार में 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई 15 किलोमीटर थी और केंद्र शहर से 80 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था. वहीं सिबी में 4.0 तीव्रता के झटके महसूस किए गए, जिनकी गहराई 10 किलोमीटर और केंद्र सिबी से करीब 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था.

दिसंबर में पहले भी महसूस किए गए थे झटके

इससे पहले 3 दिसंबर को भी खुजदार और सिबी जिलों में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस दिन खुजदार में 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई 15 किलोमीटर थी और केंद्र शहर से 80 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था. वहीं सिबी में 4.0 तीव्रता के झटके महसूस किए गए, जिनकी गहराई 10 किलोमीटर और केंद्र सिबी से करीब 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था.

नवंबर में भी दर्ज किए गए कई भूकंप

26 नवंबर को सिबी में 3.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई करीब 10 किलोमीटर थी. NSMC के अनुसार, इसका केंद्र सिबी से लगभग 60 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था. यह झटके ज्यादा देर तक नहीं रहे और किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई. नवंबर की शुरुआत में भी प्रांत के कई हिस्सों में हल्के झटके महसूस किए गए थे. 8 नवंबर को पाकिस्तान मौसम विभाग (PMD) के सिस्मिक सेंटर ने बताया कि ज़ियारत और आसपास के इलाकों में 5.0 तीव्रता का भूकंप आया था. इसका केंद्र क्वेटा से 67 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था.

2008 में जियारत आया था भूकंप 

जियारत में आखिरी बड़ा भूकंप साल 2008 में आया था, जिसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और करीब 500 लोग घायल हुए थे. पूरे के पूरे गांव तबाह हो गए थे. सैकड़ों घर और सरकारी इमारतें मलबे में बदल गई थीं, जिससे 15,000 से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे. सबसे ज्यादा नुकसान जियारत के छोटे इलाकों में हुआ था, जहां करीब 170 लोगों की जान गई थी, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की थी. पिशिन, बोलान, चमन और क्वेटा समेत अन्य जिलों में भी जान-माल के नुकसान की खबरें आई थीं.

भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाका है बलूचिस्तान

पाकिस्तान लंबे समय से प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील रहा है. साल 2005 में उत्तरी पाकिस्तान में आए भूकंप में करीब 73,000 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 1935 में क्वेटा में आए विनाशकारी भूकंप में लगभग 30,000 लोग मारे गए थे. विशेषज्ञों के अनुसार, बलूचिस्तान भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है, क्योंकि यह इलाका उस जगह पर स्थित है जहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराती है. देश का सबसे बड़ा प्रांत होने के बावजूद बलूचिस्तान की आबादी कम और इलाके दूर-दराज़ होने के कारण राहत और बचाव कार्यों में भी काफी मुश्किलें आती हैं.