पाकिस्तान ने अपनी सैन्य व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए जनरल आसिम मुनीर को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) नियुक्त कर दिया है. राष्ट्रपति भवन से आदेश जारी होने के साथ ही मुनीर अब थल सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों पर संयुक्त नियंत्रण रखने वाले सर्वोच्च अधिकारी बन गए हैं. नियुक्ति के कुछ ही देर बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने की तैयारी में है और मौजूदा हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं.

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जिओ न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस पद की रचना अचानक नहीं हुई. लंबे समय से देश के तीन सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार नवाज़ शरीफ, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति जरदारी इस मुद्दे पर बातचीत करते रहे. सत्ता और सेना के बीच संतुलन बैठाने का यह प्रयास देर रात एक समझौते पर अटका, जिसके बाद आदेश जारी किया गया. एक्सपर्ट्स का मानना है कि नवाज़ शरीफ की राजनीतिक महत्वाकांक्षा और सेना की शीर्ष स्तर पर पकड़ बनाए रखने की इच्छा इस फैसले के पीछे मुख्य कारण रही है. मुनीर को 5 साल का कार्यकाल देकर यह संदेश भी स्पष्ट कर दिया गया कि सेना आने वाले वर्षों में एकीकृत नेतृत्व मॉडल अपनाने जा रही है.

पाकिस्तान ने नया सैन्य ढांचा क्यों तैयार किया

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सरकार का कहना है कि बदलते सुरक्षा माहौल में तीनों सेनाओं को एक छतरी के नीचे लाना जरूरी हो गया था. देश कई दिशाओं से चुनौतियों का सामना कर रहा है. अफगान सीमा पर संघर्ष, टीटीपी की बढ़ती गतिविधियां, बलूच इलाकों में बढ़ते हमले और भारत के साथ लगातार तनावपूर्ण रिश्ता, इसलिए पाक सरकार ने दावा किया कि एकीकृत कमान राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर बनाएगी और सेना के कामकाज को अधिक प्रभावी बनाएगी.

नई जिम्मेदारी के साथ मुनीर की प्राथमिकताएं क्या होंगी

जनरल मुनीर अब पाकिस्तान की पूरी सैन्य रणनीति को नया रूप देने की स्थिति में हैं. विश्लेषक मानते हैं कि वह भारत के संदर्भ में कठोर रुख दिखाने की कोशिश कर सकते हैं, ताकि सेना की पुरानी छवि को मजबूत किया जा सके. तालिबान और टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई भी उनकी प्राथमिकता बन सकती है, क्योंकि पिछले महीनों में पाक सेना को कई गंभीर झटके लगे हैं. देश के भीतर भी हालात स्थिर नहीं हैं. आर्थिक संकट, महंगाई, बेरोज़गारी और राजनीतिक टकराव ने प्रशासन को कमजोर बना दिया है. ऐसे में सेना पर अपनी ताकत साबित करने का दबाव बढ़ गया है और मुनीर को इसी चुनौतीपूर्ण समय में जिम्मेदारी मिली है.

भारत के लिए इस बदलाव का क्या अर्थ

भारत की सुरक्षा एजेंसियां हालात पर नज़र रख रही हैं. जनरल मुनीर को पाकिस्तान का कड़ा रुख अपनाने वाला नेता माना जाता है. माना जा रहा है कि कश्मीर में तनाव बढ़ाने की कोशिशें हो सकती हैं या एलओसी पर गतिविधियां तेज हो सकती हैं. कई विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में राष्ट्रवाद दिखाने के लिए भारत विरोध एक आसान माध्यम रहा है और नई व्यवस्था के बाद इस प्रवृत्ति में वृद्धि संभव है.

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