Pakistan Ahmadiyya Community: पाकिस्तान में धार्मिक चरमपंथियों ने अहमदिया अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को कम से कम सात शहरों में ईद की नमाज अदा करने से कथित तौर पर रोक दिया. पंजाब में पुलिस ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दौरान पशुओं की कुर्बानी देने का प्रयास करने के आरोप में दो अहमदिया लोगों को गिरफ्तार किया और तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया. बकरीद के पहले ऐलान किया गया था कि अगर कोई भी अहमदिया मुस्लिम किसी भी जानवर की कुर्बानी देता है तो उस पर 5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा.
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (JAP) ने दावा किया कि कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी - तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने भी दो अहमदिया लोगों को अपनी धार्मिक मान्यता को त्यागने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने भीड़ की तरफ से मारे जाने के डर से वैसा ही किया. हाल के महीनों में धार्मिक चरमपंथियों का समूह अहमदिया समुदाय के सदस्यों को उनके उपासना स्थलों पर शुक्रवार की नमाज अदा करने से रोक रहा है.
कराची में ईद की नमाज अदा करने से रोक दिया गयाजमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (JAP) के अनुसार, अहमदिया लोगों को खुशाब, मीरपुर खास, लोधरान, भक्कर, राजनपुर, उमरकोट, लरकाना और कराची में ईद की नमाज अदा करने से रोक दिया गया. उसने कहा कि धार्मिक चरमपंथियों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अहमदिया समुदाय को उनके नमाज अदा करने वाली जगहों के भीतर ईद की नमाज़ अदा करने से रोक दिया. उसने कहा कि लाहौर के सबसे पुराने अहमदी उपासना स्थल गरी शाहू को शनिवार को ईद के दिन टीएलपी कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और पुलिस से इसे सील करने की मांग की. उसने कहा कि पुलिस ने उनके आह्वान पर कार्रवाई करते हुए अहमदिया के नमाज अदा करने वाली जगह को सील कर दिया.
इस्लामी पहचान से बाहर करने के प्रयासअहमदिया समुदाय को इस्लामी पहचान से बाहर करने के प्रयास पिछले कई दशकों से जारी हैं, लेकिन इस प्रकार निजी धार्मिक परंपरा पर पुलिसिया हस्तक्षेप पाकिस्तान के लोकतांत्रिक ढांचे पर सवाल खड़ा करता है.