India Pakistan News: पाकिस्तान ने मंगलवार (2 जुलाई 2025) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSE) की एक महीने की मेजबानी संभाली है. यूएनएसई की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान भारत के खिलाफ जहर उगलने लगा है. एक बार फिर कश्मीर का पुराना राग अपनाते हुए संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने इसके लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है.
पाकिस्तान ने उठाया कश्मीर का मुद्दा
भारत हमेशा से कश्मीर के मुद्दे को द्विपक्षीय बताता रहा है. पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए यूएनएससी को जरूरी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर का विवादित मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर तनाव का मुद्दा बना हुआ है.
संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर में बोलते हुए पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, "कश्मीर के मुद्दे पर बोलने की यही सही समय है. ये सिर्फ कश्मीर की जिम्मेदारी है ये सुरक्षा परिषद का भी मुद्दा है. हम यहां दो साल के लिए (UNSC) अस्थायी सदस्य हैं. UNSC के स्थायी सदस्यों को ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे एक रास्ता निकल सके."
शिमला समझौता रद्द होने के बाद कश्मीर को मिली छूट
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के पीओके सहित दूसरे जगहों पर स्थित आतंकी ठिकाने को तबाह कर दिया. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत इस पूरे मिशन को अंजाम दिया. भारत ने बुरी तरह से पिटने के बाद पाकिस्तान ने बौखलाकर कर दिया था.
शिमला समझौते के तहत यह हुआ था कि दोनों देश आपसी मामलों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएंगे. इस समझौते के रद्द होते ही पाकिस्तान को भारत के साथ द्विपक्षीय मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की खुली छूट मिल गई है. जब शिमला समझौता रद्द नहीं हुआ तब भी पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को कई बार ग्लोबल फोरम्स पर उठा चुका था.
UNSC की अध्यक्षता मिलने के बाद क्या बोला पाकिस्तान?
UNSC की अध्यक्षता मिलते ही पाकिस्तान के राजदूत आसिम इफ्तिखार अहमद ने एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) से बात करते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान की अध्यक्षता पारदर्शी, समावेशी और उत्तरदायी होगी. हम जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य, दुनिया में बढ़ती अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों, बढ़ते संघर्षों और गहराते मानवीय संकटों से पूरी तरह अवगत हैं."
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