Pakistan Army Chief Asim Munir: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने सोमवार (5 मई) को कहा कि उनका देश अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा और लोगों की भलाई के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा. सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जनरल मुनीर ने GHQ में 15वीं राष्ट्रीय कार्यशाला बलूचिस्तान के प्रतिभागियों के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की. असीम मुनीर की तरफ से ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम सीमा पर है. इसके पीछे की सबसे प्रमुख वजह पहलगाम आतंकी हमला है, जिसमें पाकिस्तानी भूमिका सामने आई है. इसको लेकर युद्ध की भी संभावना भी जताई जा रही है.
बयान के अनुसार मुनीर ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान क्षेत्र में और उसके बाहर शांति चाहता है, लेकिन अगर पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन किया जाता है तो वह अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा की रक्षा और लोगों की भलाई के लिए पूरी ताकत से जवाब देगा. बयान के मुताबिक, सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद किसी धर्म, संप्रदाय या नस्ल को नहीं जानता और अटूट राष्ट्रीय एकता के साथ इसका मुकाबला किया जाना चाहिए.
भारत सरकार का कड़ा रुखपहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया. इसके परिणामस्वरूप कई कूटनीतिक कदम उठाए गए, जिसमें राजनयिक संबंधों में कटौती, जल संधि को निलंबित करना और सीमा क्रॉसिंग बंद करना शामिल है. इसके अलावा, सरकार ने सशस्त्र बलों को फ्री हैंड दे दिया है, ताकि वे अपनी रणनीति और समयानुसार जवाबी कार्रवाई कर सकें. इस कड़े कदम से पड़ोसी मुल्क में हलचल पैदा हो गई और बौखलाहट में परमाणु हमले तक की धमकी दे रहा है.
पहलगाम आतंकी हमलाजम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 6 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस अटैक ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. ये 2019 के पुलवामा हमले के बाद से यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी चुनौतियां अभी भी समाप्त नहीं हुई हैं.
7 मई मॉक ड्रिल का आयोजनकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच कई राज्यों से सात मई को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि ड्रिल के दौरान किए जाने वाले उपायों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन और नागरिकों को किसी भी हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए सुरक्षा पहलुओं पर प्रशिक्षण देना शामिल है. अन्य उपायों में दुर्घटना की स्थिति में ‘ब्लैकआउट’ के उपाय, महत्वपूर्ण संयंत्रों और प्रतिष्ठानों की रक्षा और निकासी योजनाओं को अपडे करने और उनका पूर्वाभ्यास करने के प्रावधान शामिल हैं.